योगी आदित्यनाथ और मंदिर की मानी जाने वाली गोरखपुर संसदीय सीट जीतकर वापस बीजेपी के खाते में लाने के अहम मायने हैं. इस सीट को जीतना न सिर्फ बीजेपी के लिए, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बना रहा है. ऐसे में इस सीट पर विजयश्री का डंका बजाने वाले सांसद रविकिशन के जज्बे और मेहनत को नकारा नहीं जा सकता है. लेकिन, जिस तरह से क्षेत्रीय स्तर से लेकर बूथ कार्यकर्ताओं ने इस सीट का खुद की प्रतिष्ठा का विषय बनाया, ये गौर करने लायक है. ये क्षेत्र से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की समर्पण और मेहनत का ही परिणाम है. यही वजह है कि जीत का सेहरा बांधने वाले बूथ, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान होगा.

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