रशीदापुर गांव में बुधवार को बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए सेना का ऑपरेशन असीम रोक दिया गया है। गुरुवार की दोपहर के बाद बच्ची में हरकत न देखे जाने के चलते परिजनों द्वारा जिंदा न होने की उम्मीद जताने पर शनिवार भोर पहर गड्डे को बंद कर दिया गया। इस तरह आठ वर्षीय सीमा बोरवेल में ही दफन हो गई।
32 फीट की गहराई पर फंसी थी सीमा
कमालगंज के गांव रशीदापुर में बुधवार दोपहर तकरीबन 2:30 बजे आठ वर्षीय सीमा बोरवेल में गिर गई थी। 26 फीट गहराई पर फंसी बालिका को निकालने के लिए मशक्कत शुरू हुई थी। सेना के जवानों ने ऑपरेशन असीम के तहत जेसीबी से रैंप बनाकर सुरंग से बालिका तक पहुंचने का प्रयास किया। हालांकि कुछ ही दूरी रह जाने पर बलुई मिट्टी धंस गई और बचाव कार्य रुक गया। इसके बाद आगरा से पैरामिलिट्री कंपनी बुलाई गई। खोदाई के दौरान बच्ची छह फीट और नीचे खिसक कर करीब 32 फीट की गहराई पर फंस गई थी। पोकलैण्ड व जेसीबी मशीन से खोदाई करके सेना के जवानों ने बच्ची को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे सीमा ने पानी मांगा था। सेना के जवानों ने रस्सी से पानी नीचे डाला लेकिन वह पी नहीं सकी थी।
55 घंटे तक चला ऑपरेशन असीम
बोरवेल में गिरी सीमा को बाहर निकालने के लिए 55 घंटे की मशक्कत के बाद जब सेना और एनडीआरएफ के जवान सफल नहीं हो सके। उन्होंने गुरुवार की रात ऑपरेशन को और लंबा चलाने से मना कर दिया। उनका कहना है की जगह कम होने के कारण ऑपरेशन बाधित हो रहा है। और आसपास स्थित 8 मकानों को गिराने की जरूरत बताई। इसपर सीमा के ताऊ महेश चंद्र और चाचा सुरेश चंद्र व गांव वालों ने कहा कि गुरुवार दोपहर से बच्ची में हरकत न होने के चलते उसके जिंदा होने की उम्मीद नहीं बची है। इस कारण अब यहां पर सीमा का समाधि स्थल बना दिया जाए।
…और दफन हो गई सीमा
परिजनों और सेना के जवानों की बात सुनने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने आपस में मंत्रणा की। शुक्रवार की रात रात तीन बजे उपजिलाधिकारी सदर अमित आसेरी ने आपरेशन असीम रोकने की घोषणा की। इसके बाद सेना ने उपकरण समेटने शुरू कर दिए। शनिवार सुबह चार बजे से खोदे गए गड्ढे को भरना शुरू कर दिया। अब सीमा बोरवेल में ही दफन रहेगी।