विटामिन डी यूं तो हर किसी के लिए आवश्यक है। लेकिन आप गर्भवती हैं, तो आपके लिए इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। सिर्फ मां की सेहत ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के समग्र विकास के लिए विटामिन डी जरूरी है। कुछ शोध बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान यदि महिला के शरीर में विटामिन डी की कमी हो, तो ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। 

दरअसल, सूरज की किरणों की मदद से महिला के शरीर में फोटोन पर्याप्त मात्रा में जाते हैं, जो मां के शरीर से भ्रूण में मेलानोप्सिन नामक प्रोटीन का निर्माण करते हैं। यही प्रोटीन भ्रूण में स्वस्थ रक्तवाहिका और आंखों में रेटिनल न्यूरॉन के विकास में मदद करते हैं।
इस प्रोटीन की कमी बच्चों के व्यवहार को भी प्रभावित करती है। ऐसे बच्चों को एडीएचडी होने की संभावना भी रहती है। इतना ही नहीं, ऐसे बच्चों का वजन भी सामान्य से कम होता है। ऐसे बच्चों की ग्रोथ जन्म के बाद भी धीमी रहती है।
विटामिन डी का मुख्य और प्राकृतिक स्रोत है सूरज की किरणें, इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को कुछ देर धूप में अवश्य बैठना चाहिए। धूप सेंकने के लिए सुबह 07-10 बजे तक का समय सबसे सही रहता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal