जापान के पहले मून लैंडर ने पृथ्वी से एक संकेत का जवाब दिया है। इससे पता चलता है कि यह सप्ताह भर की दूसरी चंद्र रात से बच गया है। यह जानकारी देते हुए जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा ने इसे चमत्कार बताया। गत 20 जनवरी को जापान के मानव रहित स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग (एसएलआईएम) ने 20 जनवरी को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
इसके साथ ही जापान चांद पर पहुंचने वाला पांचवां देश बन गया। जाक्सा ने बताया कि एसएलआईएम गत माह गलत दिशा में गिर गया था और इसके सौर पैनलों तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पा रही थी। हालांकि, सूरज की रोशनी मिलते ही लैंडिंग के आठवें दिन एसएलआईएम से संपर्क हो गया।
जाक्सा ने कहा कि चंद्रमा पर दोपहर होने के कारण एसएलआईएम का तापमान तकरीबन 100 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। इस कारण रविवार को संपर्क बहुत छोटा रहा। जाक्सा एसएलआईएम के ठंडा होने पर उससे दोबारा संपर्क करने की तैयारी में है। एजेंसी ने कहा कि एसएलआईएम को चंद्रमा की ठंडी रातों के हिसाब से डिजाइन नहीं किया गया था। चंद्रमा पर तापमान शून्य से 170 डिग्री सेल्सियस (शून्य से 274 डिग्री फारेनहाइट) तक गिर जाता है।