हम सभी की यह आदत होती है कि हम सुबह उठते ही सीधा बिस्तर से नीचे अपने पांव रखते हैं। असल में हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। एक शास्त्रीय मान्यता के अनुसार ऐसा कर हम विभिन्न दोषों को अपनी ओर आमंत्रित कर लेते हैं। लेकिन ऐसा क्यों?दरअसल शास्त्रों के अनुसार सुबह उठते ही हमें अपने नंगे पांव जमीन पर नहीं रखने चाहिए।
धरती माँ
हिन्दू धर्म में जमीन को भूमि ‘देवी’ माना गया है, उन्हें भूमि मां का दर्जा प्राप्त है। और सुबह-सुबह भूमि पर अपने पांव रखकर हम पाप कर बैठते हैं। इसलिए यह कहा जाता है कि सुबह उठते ही हमें सबसे पहले भूमि देवी को देखते हुए प्रणाम करना चाहिए, फिर अपने हाथ से उनका स्पर्श करते हुए उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
इसके बाद इस मंत्र के माध्यम से उनसे हर भूल-चूक की क्षमा मांगनी चाहिए – समुद्रवसने देवि पर्वतस्तन मंडिते। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व में।। जमीन पर पैर रखते समय इस मंत्र का जाप करें।
सीधे जमीन पर पैर
इसके बाद ही हमें बिस्तर छोड़ कर नीचे उतरना चाहिए। ऐसा करने से भूमि देवी प्रसन्न होती हैं और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद हमारे ऊपर रहता है। व्यक्ति हर प्रकार के दोष से मुक्त हो जाता है। किंतु शास्त्रों के अलावा विज्ञान भी यह सलाह देता है कि हमें सुबह उठते ही नंगे पांव जमीन पर पैर नहीं रखना चाहिए, जानते हैं क्यों?
दरअसल वैज्ञानिकों के अनुसार रात भर चादर या रजाई में सोते समय हमारे शरीर की गर्मी बढ़ जाती है। हमारी शरीर काफी नर्म हो जाता, इसलिए सुबह की ठंडी हवा में हम अचानक बाहर नहीं निकल पाते।
जमीन पर पैर
ऐसे में यदि पांव को सीधा जमीन पर रखा जाएगा तो इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। चादर की गर्मी से गर्म हुए पांव जब ठंडी जमीन पर पड़ते हैं तो यह शरीर की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे व्यक्ति को सर्दी-जुकाम हो सकता है।
सीधा जमीन पर पैर
और यदि यह कार्य रोजाना किया जाए तो शरीर धीरे-धीरे कई रोगों की चपेट में आ सकता है। इसलिए वैज्ञानिक भी यह सलाह देते हैं कि हमें सुबह जगते ही नंगे पांव जमीन पर नहीं रखने चाहिए।