राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR में आवाजाही में लोगों को हो रही दिक्कत पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली, यूपी और हरियाणा की सरकारें एक हफ्ते के भीतर NCR के शहरों में लोगों की आवाजाही पर एक समान नीति बनाएं. एक ही परमिट के जरिए NCR के किसी भी शहर में आने जाने की छूट मिले.
पिछले कुछ समय से कभी नोएडा के डीएम दिल्ली से लगती सीमाओं को सील करने का आदेश दे देते हैं, कभी दिल्ली सरकार सिर्फ आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर बाकी के लिए राज्य की सभी सीमाओं को सील कर देने का आदेश जारी कर देती है.
कुछ समय पहले तक हरियाणा ने भी दिल्ली से लोगों के आने पर पाबंदी लगा रखी थी. राज्यों के प्रशासन में आपसी तालमेल की कमी से आम लोग काफी परेशान हो रहे हैं. बॉर्डर पर हर जगह लंबा जाम लग रहा है.
इन्हीं सब मुद्दों को उठाते हुए गुरुग्राम के रहने वाले रोहित भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया था कि कई लोगों को बेहद जरूरी काम के लिए दिल्ली आना होता है.
दिल्ली से भी कई लोगों को जरूरी काम के लिए NCR के शहरों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद जाना होता है. लोग एक शहर में रहते हैं, लेकिन नौकरी दूसरे शहर में करते हैं. राज्यों के बीच आपसी तालमेल में कमी ने लोगों को परेशान कर के रख दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और एम आर शाह की बेंच ने पिछली सुनवाई में दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था.
आज कोर्ट ने आदेश दिया कि तीनों राज्य आपस में मिलकर लोगों की आवाजाही पर एक समान नीति बनाएं. इस तरह का पोर्टल बनाया जाए जहां लोग पास के लिए आवेदन दे सकें. इस तरह से जारी पास NCR के सभी शहरों में मान्य हो.
सुनवाई के दौरान मौजूद सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को यह आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार जल्द ही इस मसले पर तीनों राज्यों की बैठक बुलाएगी, जिसमें लोगों की आसान आवाजाही सुनिश्चित करने को लेकर सहमति बनाई जाएगी. कोर्ट ने कहा कि ऐसा 1 हफ्ते के भीतर किया जाए.
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