अयोध्या में राम मंदिर की नींव तो डल गई है, लेकिन अब मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जो 5 एकड़ मस्जिद के लिए जमीन दी गई है, उसको लेकर ट्रस्ट ने अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं. इस सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि मस्जिद के ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी की जाए.
अयोध्या के ही साधु करुणेश शुक्ला ने इस मामले में याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों के द्वारा हाल ही में जो बयानबाजी की गई है, उसे देखते हुए उचित होगा कि ट्रस्ट में एक सरकारी नुमाइंदगी रहे. फिर चाहे वो मुस्लिम चेहरा ही क्यों ना हो.
याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले और वक्फ एक्ट के मुताबिक भी सर्वधर्म सम्भाव यानी सेक्युलर कार्यों के लिए सरकार अपना प्रतिनिधित्व निश्चित कर सकती है. वकील ने कहा है कि हमने संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के आलोक में ही ये याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि मंदिर की नींव रखने के बाद से ही मस्जिद को लेकर चर्चाएं जारी हैं. इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया गया है, जिसकी ओर से स्पष्ट किया गया है कि मस्जिद का नाम बाबर पर नहीं रखा जाएगा. इसके अलावा मस्जिद के शिलान्यास के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलावा भेजा जाएगा.
ट्रस्ट का कहना है कि सिर्फ मस्जिद ही नहीं अस्पताल या ट्रस्ट के भवन की नींव रखी जाएगी, ऐसे में सीएम को बुलाया जा सकता है. ट्रस्ट की ओर से कम्युनिटी सेंटर, कम्युनिटी किचन बनाने पर भी विचार चल रहा है.
बता दें कि इससे पहले जब आजतक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंटरव्यू में उनके मस्जिद के शिलान्यास में जाने पर सवाल किया था, तो सीएम ने कहा था कि वो मुझे बुलाएंगे नहीं और मैं जाऊंगा नहीं.