ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण करने वाली महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम संस्थान ने वैक्सीन की कीमत का खुलासा कर दिया है। संस्थान ने सोमवार को बताया कि कोविशील्ड की कीमत 200 रुपये प्रति वॉयल होगी। संस्थान को भारत सरकार की ओर से वैक्सीन खरीद का ऑर्डर भी मिल गया है।
बता दें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर देश में तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। महाराष्ट्र के पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान से वैक्सीनों को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने के लिए कूल-एक्स कोल्ड चेन लिमिटेड पूरी तरह से तैयार हो गई है। वैक्सीनों को ले जाने के लिए वाहन तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होगा। इसका फैसला शनिवार को देश में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में किया था।
नई दिल्ली समेत अधिकतर राज्यों में गुरुवार तक वैक्सीन पहुंच जाएगी। अधिकांश राज्यों में सीरम संस्थान की वैक्सीन कोविशील्ड उपलब्ध होगी। पुणे से 80 फीसदी वैक्सीनों को उड़ानों और विशेष विमानों के माध्यम से भेजा जाएगा। उधर, पंजाब और छत्तीसगढ़ ने कोवैक्सीन की खुराक लगाने से इनकार किया है।
इन दोनों कांग्रेस शासित राज्यों ने कहा है कि वे कोवैक्सीन के उपयोग पर फैसला इसके तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम आने पर ही करेंगे। बता दें कि औषधि नियामक ने फेज-1 और फेज-2 के नतीजों के आधार पर कोवैक्सीन को आपात मंजूरी दी है। इसके फेज-3 ट्रायल्स पूरे देश में स्थानों पर चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया और कहा कि इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की भी विस्तृत समीक्षा की थी।
इस संबंध में मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘आगामी लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू जैसे त्योहारों के मद्देनजर विस्तृत समीक्षा के बाद फैसला लिया गया है कि देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से आरंभ किया जाएगा।’
बयान में कहा गया कि करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के करीब 27 करोड़ व्यक्तियों और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक 50 वर्ष की आयु की पहचान के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जाएगा।
बता दें कि भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को पिछले रविवार को मंजूरी दे दी थी।