पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के मध्य बढ़ते तनाव और सैन्य संघर्ष के बीच अब कूटनीतिक लड़ाई तेज हो गई है। सैन्य संघर्ष को लेकर भारत के संयम और दृष्टिकोण की कई मुल्कों ने अपनी संवेदना प्रगट की है। इस मामले में अब चीन अलग-थलग पड़ चुका है। जी-7 की बैठक में भी दोनों देशों के सैन्य संघर्ष का जिक्र करते हुए चीन की कम्युनिष्ट पार्टी की निंदा की गई। अमेरिकी सीनेट में भी कई सीनेटरों ने भारत-चीन सीमा पर संघर्ष के उकसावे को लेकर निंदा की गई। यूरोपीय संघ ने भी अप्रत्यक्ष रूप से चीन के दृष्टिकोण को लेकर दुनिया का अलर्ट किया है। उसने इस मामले में अमेरिका के साथ सहयोग की पेशकश की है। चीन जहां भारत के पड़ोसी नेपाल और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ उकसा रहा है, वहीं अंतराराष्ट्रीय महाशक्तियों की संवेदना भारत के साथ है।
भारत संग आए दुनिया के कई मुल्क
- अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, मालदीव जैसे देशों ने जिस तरह से चीन के साथ हुए हिंसक झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों के प्रति अपनी शोक संवेदना जताई है। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। डोकलाम विवाद के दौरान भी जापान, अमेरिका समेत कुछ दूसरे देशों ने भारत का समर्थन किया था।
- अमेरिकी विदेश मंत्रालय में उप सचिव डेविड स्टिलवेल भारत-चीन झड़प के बार में कहा कि ऐसा लगता है कि जब दुनिया कोरोना वायरस के साथ लड़ाई में जुटी हुई है और सभी जीवन बचाने में व्यस्त हैं तो ऐसा लगता है कि चीन इस हालात का फायदा उठाने के तौर पर देख रहा है।
- अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक ट्विट किया कि, हम भारत की जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं, जो चीन के साथ हुए झगड़े में मारे गए भारतीयों को लेकर दुखी हैं। हम इन मृतक सैनिकों के परिवारों, उनके चाहने वालों को याद रखेंगे।
- फ्रांस के राजदूत एमानुएल लेनैन ने ट्विट किया कि पिछले कुछ दिनों के भीतर अपने कर्तव्य का निर्वहण करते हुए जिन भारतीय सैनिकों ने अपनी जान दी है हम उनके परिवार के प्रति और भारत की जनता के प्रति गहराइय़ों से संवेदना प्रकट करते हैं। जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भी लिखा कि गलवन में मारे गए सैनिकों के परिवार के प्रति हमारी संवेदना प्रगट की।
- मालदीव के विदेश मंत्री अबदुल्ला शाहिद ने मारे गए भारतीय सैनिकों के परिवारों व भारतीय जनता के प्रति हमारी गहरी संवेदना दिखाई।