जवाब: पौने तीन वर्षों के कार्यकाल में गन्ना किसानों के 86 हजार 800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह एतिहासिक है। सपा, बसपा के पांच-पांच वर्षों के कार्यकाल में बमुश्किल 50-50 हजार करोड़ के भुगतान किए गए थे। आपको बताएं, इस वक्त यूपी में 121 चीनी मिलें चल रही हैं। सपा, बसपा के कार्यकाल में 110 चीनी मिलें थीं। पौने तीन वर्षों के कार्यकाल में 10 नई चीनी मिलें स्थापित कराई गईं। गोरखपुर की पिपराइच और बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल भी चलने लगी है। दूसरे राज्यों में चीनी मिलों की हालत खस्ता है लेकिन केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की मदद से चीनी मिलों को चलाया जा रहा है। यूपी की चीनी मिलें फायदे में भी हैं।
सवाल: पहले की सरकारों ने क्या वनटांगिया गांव के विकास पर ध्यान नहीं दिया था?
जवाब: ऐसा कह सकते हैं। जाति, धर्म, मत और मजहब के नाम पर समाज का बंटवारा करने वालों को यह बताना चाहिए। वनटांगिया गांवों में कम आय वर्ग के परिवार रहते हैं। इन सबके विकास की सुध किसी ने नहीं ली थी। भाजपा सरकार बनी, तब जाकर वनटांगियां गांव का कायाकल्प हुआ। यूपी का असली विकास देखना है तो वनटांगिया गांव जाइए। 2017 के पहले और अब के वनटांगिया गांव के जीवन स्तर का अध्ययन करिए, फर्क खुद दिखेगा। 2017 से पहले वनटांगिया गांव में बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं। एक भी पक्का मकान नहीं था। अब बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था है। ज्यादातर परिवारों को पक्का मकान मिल चुका है। राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड सहित तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
सवाल: गोरखपुर के औद्योगिक स्वरूप व उसके विस्तार की कोई खास योजना है क्या?
जवाब: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) का विस्तार कराया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आसपास भूमि चिन्हित कर ली गई है। इस क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा बनाया जा रहा है। काम तेजी से चल रहा है। इसकी समीक्षा भी शनिवार को हुई है। यूपी में निवेशकों के लिए बेहतर माहौल है। बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। गोरखपुर में भी निवेश के बड़े प्रोजेक्ट हैं।
13 से 15 जनवरी के बीच गोरखपुर में रहेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13, 14, 15 जनवरी को शहर में होंगे। वह नागरिकता संशोधन कानून पर आयोजित बिहार के एक कार्यक्रम में 13 जनवरी को हिस्सा लेंगे, फिर सीधे गोरखपुर आ जाएंगे। देर शाम मुख्यमंत्री गोरखपुर महोत्सव का समापन करेंगे। 14 जनवरी को
गोरखनाथ मंदिर में रहेंगे और पूजा-पाठ के साथ ही अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 15 जनवरी को दोपहर बाद लखनऊ रवाना हो जाएंगे। 16 जनवरी को कामनवेल्थ देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसका आयोजन लखनऊ में होगा। कामनवेल्थ देशों के कई प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।