बिहार में सूखे का हाल और सरकार की ओर से किए जा रहे इंतजाम पर नीति आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी बात रखेंगे। बिहार के 280 प्रखंडों में सूखे की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

जलस्तर भी नीचे जा रहा, कई जिलों में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग के गवर्निंग कांउसिल की पांचवीं बैठक होनी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार की रात दिल्ली पहुंच गए हैं। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार भी उनके साथ गए हैैं।
नीति आयोग के गवर्निंग कांउसिल की बैठक में इस बार कृषि के क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार, सूखे की स्थिति और उससे निपटने को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं व कृषि उत्पाद का अधिकतम मूल्य किस तरह उपलब्ध कराया जाए, पर विशेष रूप से चर्चा होगी। बैठक में विशेष राज्य का मुद्दा भी उठ सकता है। सुखाड़ से जूझ रहे प्रखंडों में राज्य सरकार अपनी निधि से योजनाएं चला रही हैैं। किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी के साथ-साथ किसान फसल सहायता योजना का भी लाभ दिया जा रहा है। पशुओं को पानी का संकट नहीं हो, इसके लिए तालाब में पानी की व्यवस्था की गई है। पेयजल संकट से जूझ रहे इलाके में प्राथमिकता के आधार पर नए चापाकल लगाए जा रहे हैैं। अप्रत्याशित रूप से दरभंगा में जलस्तर काफी नीचे चल गया है और तालाब सूख गए हैैं। वहां भी काम आरंभ हुआ है। टैंंकर से पानी पहुंचाए जा रहे हैैं। इन बिंदुओं पर नीति आयोग की बैठक में चर्चा संभव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं खत्म होनी चाहिए। मुख्यमंत्री का कहना है कि अलग-अलग राज्यों की जरूरत अलग है, इसलिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मतलब नहीं है। इसी तरह से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का विषय है। नीति आयोग की बैठक में बिहार की ओर से इन मसलों को भी उठाया जा सकता है।
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