सिवान जिले में मैरवा-प्रतापपुर मुख्य मार्ग में स्थित स्याही पुल से एक बोलेरो मंगलवार की रात नदी में गिर गई। बोलेरो पर आठ बाराती सवार थे। नदी में बोलेरो गिरते ही चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने सभी को गाड़ी से बाहर निकाला।
बिहार के सिवान जिले में मैरवा-प्रतापपुर मुख्य मार्ग में स्थित स्याही पुल से एक बोलेरो मंगलवार की मध्य रात नदी में गिर गई। बोलेरो पर आठ बाराती सवार थे। हादसे में सभी बाराती घायल हो गए। राहत की बात यह रही कि नदी में पानी नहीं रहने से बड़ा हादसा होने से टल गया।
पुल से नदी की गहराई करीब 20 फीट की है। नदी में बोलेरो गिरते ही जोर की आवास हुई। मौके पर चीख-पुकार मच गई। लोगों के चिल्लाने की आवास सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे। किसी तरह से घायल बारातियों को नदी में पलटी गाड़ी से बाहर निकाला गया।
आनन-फानन में लोगों ने घायलों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल में भर्ती गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सिवान रेफर कर दिया गया। बताया गया कि बारात छपरा जिला के एकमा थाना क्षेत्र के बेतवनिया से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती प्रतापपुर शुगर मिल के निकट भानपुर टोला जोरावर पुर गई हुई थी।
शादी समारोह में शामिल होने के बाद देर रात बारात में गए आठ लोग बोलेरो से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान मैरवा प्रताप मुख्य मार्ग के स्याही नदी पर स्थित जर्जर रेलिंग विहीन पुल से बोलेरो अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई।
घायलों बारातियों में बेतवनिया के वीरंजन कुमार, हेमंत कुमार,नीरज कुमार राय ,प्रिंस कुमार सिंह,अजीत कुमार राय, राजकुमार राय ,राजेश कुमार ,विवेक कुमार शामिल थे। सभी घायलों का प्राथमिक उपचार के बाद मैरवा रेफरल अस्पताल से सिवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
अंग्रेजों के समय का है जर्जर पुल
यूपी-बिहार सीमा पर बना स्याही पुल अंग्रेजों के जमाने का है। यहां से हर रोज सैंकड़ों छोटे-बड़े वाहन दोनों राज्यों में आना-जाना करते हैं। पुल की चौड़ाई इतनी है कि आमने-सामने से आ रही गाड़ियों में कोई एक वाहन ही एक बार में पुल पार कर सकती है। ट्रक और बस के आ जाने से जाम की समस्या भी हर रोज की कहानी है।