आरबीआई की पाबंदी झेल रहे YES बैंक के संकट पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम का बयान आया है. पी चिदंबरम ने कहा है कि साल 2017 से सरकार YES बैंक की निगरानी कर रही है, इसके बावजूद बैड लोन (फंसा हुआ कर्ज) बढ़ता गया.
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पी चिदंबरम ने YES बैंक के लोन आंकड़े भी पेश किए. इन आंकड़ों के मुताबिक YES बैंक का जो आउटस्टैंडिंग लोन (फंसा हुआ कर्ज) 2014 में 55,633 करोड़ रुपये था वो मार्च, 2019 में बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपये हो गया है. यानी सिर्फ 5 सालों में यस बैंक का आउटस्टैंडिंग लोन 4 गुना से भी अधिक बढ़ गया है.
इसके साथ ही चिदंबरम ने सरकार से सवाल पूछा कि YES बैंक के सीईओ को बदला गया था तब भी कुछ क्यों नहीं बदला. जबकि YES बैंक के तिमाही नतीजे भी लगातार घाटे में आ रहे थे.
चिदंबरम के मुताबिक YES बैंक को बचाने के लिए SBI और LIC पर दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
बता दें कि YES बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 49 फीसदी शेयर खरीदने की तैयारी कर रहा है. एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक फिलहाल, YES बैंक में 2450 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा.
इसके साथ ही रजनीश कुमार ने कहा कि जो लोग एसबीआई में निवेश करना चाहते हैं कि उसके लिए ये एक मौका है. कहने का मतलब ये है कि YES बैंक में नए निवेशक भी आ सकते हैं. ऐसी खबरें हैं इन निवेशकों में एलआईसी भी शामिल है.
इसके साथ ही चिदंबरम ने बैंकिंग सिस्टम में बढ़ते लोन पर सवाल खड़े किए हैं. चिदंबरम ने बताया कि नोटबंदी के तुरंत बाद लोन बुक में 100 फीसदी का उछाल आया है. यह वह अवधि है जब मैं वित्तमंत्री नहीं था. ऐसे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देना चाहिए.