सुप्रीम कोर्ट सिर्फ किसी परीक्षा से सफलता और टैलेंट तय नहीं होते। परीक्षा के आधार पर बनी मेरिट के लोगों को ही सरकारी नौकरी में अहमियत देने से समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के उत्थान का हमारे संविधान का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। जस्टिस यूयू ललित और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कर्नाटक आरक्षण कानून, 2018 की वैधता को सही करार देते हुए यह टिप्पणी की है। इस कानून के तहत राज्य में सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी समुदाय के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण दिया जाना है। इसके खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं।

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