बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के मंगलवार के दौरे के बाद सहारनपुर में एक महीने के भीतर तीसरी बार हिंसा भड़क उठी. गांव में मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर हमला हुआ. गोली लगने से एक युवक ने दम तोड़ दिया, जबकि करीब 1 दर्जन घायल लोगों को सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. मायावती के दौरे के बाद से ही सूबे का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. सहारनपुर में मायावती ने कहा था कि योगी सरकार में दलित पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो रही है. समाज का कमजोर तबका नाराज है.
मायावती के जाने से बिगड़ा माहौल
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सहारनपुर में शांति स्थापित हुई थी, लेकिन मायावती अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए वहां गईं, जिसके बाद ही वहां पर माहौल बिगड़ा और हत्या हुई. श्रीकांत शर्मा बोले कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जहां पर भी लापरवाही हुई है
सभी आला-अधिकारी मौजूद
सहारनपुर में जातीय हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है. सीएम के निर्देश के बाद गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा, एडीजी (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आईजी (एसटीएफ) अमिताभ यश, डीआईजी विजय भूषण सहित आलाधिकारी सहारनपुर में डेरा जमाए हुए हैं. वहीं, राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा पर दुख जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. उन्होंने हिंसा की जांच वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी है. उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है. विपक्षी दलों से शांति बहाली में सहयोग की अपील की है
क्या है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था. इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था.