शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है। डाक्टरों का मानना है कि शराब पीने वालों को कोरोना की चपेट में आने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है।
एल्कोहल शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को प्रभावित करता है। कोरोना की चपेट में आने के बाद ठीक होने में भी सामान्य लोगों की तुलना में अधिक समय लगता है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र कुमार के मुताबिक एल्कोहल गले से उतरते ही शरीर में प्रोटीन और कोशिकाओं में पहुंचता है। जहरीले रसायन से फायदेमंद एंटीआक्सीडेंट की कमी हो जाती है।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फिजीशियन डा. प्रवीण शाह बताते हैं, शराब मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने के साथ इम्युनिटी को भी कमजोर करता है।
नियमित और अधिक मात्रा में शराब पीने वालों के लिवर की समस्या होने लगती है। नशे में सामाजिक दूरी भी खत्म हो जाती है। टीबी रोग विभाग के चिकित्सक मो. जावेद कहते हैं शराब बहुत खराब है।
एल्कोहल का सीधा असर लिवर पर पड़ता है। अत्यधिक मात्रा में एल्कोहल फेफड़ों और श्वसन तंत्र को कमजोर बना देता है। कोरोना का वायरस फेफड़ों पर ही हमला कर रहा है। टीबी के मरीजों को खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है।
एकेडमिक आफ मेडिकल साइंस की ओर से हुए शोध में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। संक्रमित मरीजों की इम्युनिटी अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जो लोग अत्यधिक शराब पीते थे वो कोरोना की चपेट में अधिक आए। उनको ठीक होने में भी सामान्य लोगों की तुलना में 45 फीसदी अधिक समय लगा है।