राज्य में वर्ष 2016 में यूपीएल का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया। प्रतियोगिता में आईपीएल की तर्ज पर टीमें बनाई गईं और फ्रेंचाइजी ने बोली लगाकर खिलाड़ियों को खरीदा। प्रतियोगिता में उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों से भी युवा क्रिकेटर पहुंचे। युवा क्रिकेटरों का कहना है कि तब उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए गए।
अब प्रतियोगिता समाप्त हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन ज्यादातर खिलाड़ियों को एक पैसा नहीं मिला। कुछ समय पूर्व खिलाड़ियों ने आयोजकों पर दबाव बनाया और शिकायत दर्ज करने की बात कही तब स्थानीय स्तर पर विरोध कर रहे कुछ खिलाड़ियों को दस-दस हजार रुपये की धनराशि दी।
इसमें भी देहरादून के अलावा अन्य स्थानों के खिलाड़ी छूट गए। अब एक बार फिर नौ से 25 मार्च तक प्रतियोगिता के आयोजन की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू हो गया है। जानकारी मिलते ही खिलाड़ी लामबंद होकर आयोजकों को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं।
2016 में यूपीएल खेलने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि कई बार कहने के बाद भी आयोजक उन्हें पैसा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराएंगे।