सात अप्रैल को बिहार आ सकते हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार आ सकते हैं। उनके पटना के एसकेएम हॉल में पार्टी की ओर से आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में शामिल होने की चर्चा है। राहुल गांधी का इस साल ये तीसरा दौरा है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार का दौरा कर सकते हैं और पटना में होने वाले ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस सम्मेलन के बाद राहुल गांधी कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘नौकरी दो यात्रा’ में भी शामिल हो सकते हैं।

गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इंदिरा भवन में बिहार के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्षों की एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में जिला स्तर पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने पर गहराई से चर्चा की गई।

फरवरी में किया था बिहार का दौरा
बता दें कि राहुल गांधी इससे पहले 18 जनवरी और 5 फरवरी को भी बिहार दौरे पर आए थे। 5 फरवरी को पटना में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था और दलितों को सिर्फ नाम मात्र का प्रतिनिधित्व देने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने कहा था कि दलितों को मंच पर बैठा देने से कुछ नहीं होता, असली सवाल यह है कि फैसले कौन कर रहा है। पटना में जगलाल चौधरी जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा था कि आज देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार, न्यायपालिका जैसे क्षेत्रों में दलितों की भागीदारी कितनी है?

उन्होंने दावा किया कि दलितों को सिर्फ दिखाने के लिए जगह दी जाती है, लेकिन सत्ता के असली फैसले पर्दे के पीछे से किए जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि वे अलग-अलग जातियों के लोगों को टिकट देने की बात तो करते हैं, लेकिन विधायकों और सांसदों के अधिकार छीन लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री बनाए जाते हैं, लेकिन असली नियंत्रण संघ से जुड़े अधिकारियों के हाथ में होता है।

दलित नेताओं के नाम पर अस्पताल क्यों नहीं बनते?
राहुल गांधी ने यह भी सवाल उठाया था कि अस्पताल अडानी और अंबानी के नाम पर बनाए जा रहे हैं, लेकिन दलित नेताओं के नाम पर अस्पताल क्यों नहीं बनते? उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अडानी-अंबानी को जमीन और संसाधन दिए जाते हैं, लेकिन दलितों के लिए संस्थान नहीं बनाए जाते।

इसके अलावा, उन्होंने भारतीय संविधान की अहमियत पर भी जोर दिया और बीजेपी पर इसे कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह संविधान बाबा साहब अंबेडकर ने बनाया था, जो सभी को अधिकार देता है, लेकिन बीजेपी इसे खत्म करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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