लुधियाना नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशु ने मंगलवार को प्रदर्शन किया था। इस दौरान कांग्रेसियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी। भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर लुधियाना नगर निगम के मुख्य कार्यालय जोन ए के बाहर प्रदर्शन कर ताला लगाने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है।
पुलिस ने लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशु, जिला कांग्रेस के प्रधान और पूर्व विधायक संजय तलवार के साथ-साथ पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर और जिला कांग्रेस के उप प्रधान श्याम सुंदर मल्होत्रा समेत 50-60 अज्ञात के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला थाना कोतवाली में दर्ज किया गया है।
लुधियाना नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशु की अगुवाई में कांग्रेसियों ने मंगलवार को नगर निगम के मुख्य दफ्तर जोन ए में ताला जड़ दिया था। जिस समय नगर निगम पर ताला लगाया गया उस समय सभी मुलाजिम और अधिकारी अपनी अपनी सीटों पर बैठे थे। कड़ी सुरक्षा के बावजूद सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री आशु और जिला कांग्रेस प्रधान संजय तलवाड़ बैरिकेडिंग के ऊपर से कूदकर मुख्य गेट तक पहुंचे थे। इस दौरान तीनों नेताओं की पुलिस मुलाजिमों से झड़प भी हुई और धक्का-मुक्की भी हुई थी।
सिटी बस केस हारने और करोड़ों रुपये का जुर्माना लगवाने व वहां फैले भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने 27 फरवरी को ही एलान कर दिया था कि निगम को ताला लगाया जाएगा। इस दौरान वहां सैंकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने मुख्य गेट पर बैरिकेडिंग की और पहरा भी सख्त किया था।
सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि नगर निगम में आम लोगों को परेशानी हो रही है। एक तरफ सरकार कहती है कि आम लोगों की सरकार है लेकिन नगर निगम में इस समय हर काम के लिए पैसे लगते हैं। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। नगर निगम की कारगुजारी की वजह से निगम को करोड़ों रुपये का घाटा लगा है। सिटी बस केस हार जाने की वजह से करोड़ों रुपये भुगतान करने पड़ेंगे। सांसद बिट्टू ने कहा कि कई मुद्दों को लेकर निगम पर ताला जड़ने का फैसला किया गया था। जब किसी का भला नहीं हो रहा तो इस दफ्तर का क्या फायदा।