रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती किये जाने के बाद स्टैट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने बैंचमार्क लेंडिंग रेट में पांच आधार अंकों की कटौती की है। एसबीआई की घटी हुई दरें कल बुधवार से प्रभावी भी हो गई है। एसबीआई ने इस तरह साल में तीसरी बार दरों में कटौती की है। आइए कुछ बिंदुओं से समझते हैं कि ब्याज दर में इस कटौती का फायदा किस तरह से मिलने वाला है।
1. दरों में कटौती के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एमसीएलआर 8.40 फीसद पर आ गई है। यह पहले 8.45 फीसद पर थी। एमसीएलआर वह दर है जिससे बैंक के सभी तरह के लोन दिये जाते हैं।
2. एमसीएलआर में कटौती किये जाने से होम लोन की ब्याज दरों में 10 अप्रैल, 2019 से 0.20 फीसद की कमी आई है।
3. सोमवार को आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि ब्याज दरों में एक के बाद एक तीन बार कुल 75 आधार अंको की कटौती के बाद केंद्रीय बैंक यह उम्मीद करता है कि वाणिज्यिक बैंक जल्द ही इसका लाभ लोगों तक पहुंचाएंगे।
4. गौरतलब है कि जून में मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 0.25 फीसद कम करके 5.75 फीसद कर दिया था।
5. इस तरह केंद्रीय बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 0.25 फीसद घटा दिया गया था।
6. आरबीआई द्वारा जून की समीक्षा में की गई कटौती के बाद से, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉरपोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक और आईडीबीआई बैंक ने अपनी बैंचमार्क लेंडिंग दरों में 0.5 से 0.10 फीसद तक की कटौती की है।
7. मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5 से 9 अगस्त के बीच आयोजित होने वाली है।
8. कई विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगस्त में होने वाली इस समीक्षा बैठक में एक बार फिर आरबीआई द्वारा ब्याज दर में कटौती की जाएगी।
9. इस बीच, एसबीआई ने इस साल जून में रेपो-लिंक्ड होम लोन प्रोडक्ट्स पेश किये हैं। रेपो रेट-लिंक्ड होम लोन का मतलब है कि जब भी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में कोई बदलाव किया जाएगा तो इसका फायदा ग्राहकों को सीधे मिल सकेगा।
10. बता दें कि 31 मार्च 2019 तक बैंक के पास 29 लाख करोड़ रुपये का कुल जमा आधार था।