उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेद के डॉक्टर्स को सर्जरी सिखाने के फैसले का जो विरोध हुआ उसपर आश्चर्य जताया. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि कुछ चिकित्सक पिछले दिनों आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी सिखाए जाने का विरोध कर रहे थे जबकि सर्जरी की शुरुआत ही आयुर्वेद से हुई है.
बता दें कि पिछले महीने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सरकार के उस नोटिफिकेशन का विरोध किया था जिसमें आयुष स्ट्रीम्स – आयुर्वेद, योगा, नैचुरेपैथी, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी को सामान्य सर्जरी ट्रेनिंग देने की बात कही थी. IMA ने कहा था कि यह मिस्कोपैथी जैसा होगा और सब घालमेल हो जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि मुझे कुछ डॉक्टर्स द्वारा किए गए इस विरोध को देखकर हैरानी हुई. पहले सर्जन आयुर्वेद से संबंध रखते थे, वह आयुर्वेद ही था जिसने यह स्ट्रीम दी. सीएम ने आगे कहा कि योग और आयुर्वेद की मदद से यूपी दुनिया के लिए हेल्थ टूरिज्म अग्रिणी डेस्टिनेशन बन सकता है.
मुख्यमंत्री ने यह बात 142 योग वेलनेस सेंटर्स का उद्घाटन तथा उत्तर प्रदेश आयुष टेलीमेडिसिन को शुरू करने के बाद कही. उन्होंने आगे कहा कि आयुष मिशन भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा माध्यम है और वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति के बारे में सोचने को मजबूर किया.