तारीख गवाह हैं कि मेरठ की सरधना विधानसभा क्षेत्र में कभी कोई सांप्रदायिक दंगा या तनाव नहीं हुआ. बावजूद इसके आज मुजफ्फरनगर दंगों के साथ सरधना को भी जोड़कर देखने के चलते ये सियासी पार्टियों के लिए खास हो गया है. 104 गांव वाली सरधना सीट को हासिल करने के लिए पार्टियां खास रणनीति बनाने लगी हैं.
चुनाव प्रचार के दूसरे दिन ही दंगों की एक सीडी को लेकर हो-हल्ला शुरू हो गया. लेकिन जाटों से जुड़े मुद्दे के चलते एक नई हवा चल पड़ी है. इस सीट के बदले समीकरण भाजपा विधायक संगीत सोम के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते हैं.
बेशक सरधना सीट संगीत सोम की बयानीबाजी के चलते सुर्खियों में रहती हो, लेकिन मौजूदा वक्त में जातीय आंकड़ों के त्रिकोणीय समीकरण हार-जीत की नई कहानी लिखने को तैयार हैं. लगभग चार लाख की आबादी वाली इस विधानसभा में करीब तीन लाख वोटर हैं. सरधना बाजार में एक ढाबे पर बैठे वीरेन्द्र सिंह बताते हैं कि इस बार प्रत्याशियों के गणित ने सब कुछ उलझा दिया है. क्षेत्र में मुस्लिम वोटर 75 हजार हैं और गुर्जर 36 हजार. इसी तरह से सैनी, प्रजापति, पाल और कश्यप मिलाकर 48 हजार वोट होते हैं. दलित 60 हजार हैं, जबकि जाट वोट सिर्फ 16 हजार है.
इसीलिए सपा-कांग्रेस ने गुर्जर जाति के उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी के बेटे इमरान कुरैशी को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये ही वो समीकरण है जो भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. जानकार बताते हैं कि 2012 के विधानसभा चुनावों में सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान को 48 हजार वोट मिले थे तो भाजपा के विजयी प्रत्याशी संगीत सोम को करीब 62 हजार हासिल हुए. वहीं रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े हाजी याकूब कुरैशी को 50 वोट मिले थे.
कपड़े की दुकान करने वाले रामकुमार सैनी बताते हैं कि जाट वोट का एक बड़ा हिस्सा भाजपा से खिसका हुआ है. उनका कहना है कि हरियाणा में जाटों के साथ जो कुछ हुआ उसे लेकर जाट बिरादरी में खासा गुस्सा है. रही-सही कसर जाट नेता यशपाल मलिक ने पूरी कर दी है. आरक्षण के मुद्दे और हरियाणा में हुए बवाल के मामले पर जाटों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना शुरू कर दिया है. सभाओं में नोटबंदी जैसे मुद्दे भी उठाए जा रहे हैं.
क्षेत्र में बात करने पर मालूम हुआ कि कुछ तल्खियों के चलते सैनी समाज का वोट भाजपा से नाराज चल रहा है. वहीं क्षेत्र के 48 हजार सैनी, प्रजापति, पाल और कश्यप वोट पर सपा-कांग्रेस ने हाथ मिलाकर डोरे डालना शुरू कर दिया है. गुर्जर प्रत्याशी होने के चलते 36 हजार गुर्जर वोट भी साजातीय प्रत्याशी की ओर दिखाई दे रहा है. अब अगर भाजपा प्रत्याशी की बात करें तो संगीत सोम का 37 हजार सजातीय ठाकुर वोट है. 16 हजार जाट वोट में से कुछ हिस्सा भाजपा के खाते में आएगा तो रालोद को भी जाएगा. 75 हजार मुस्लिम वोट की बात करें तो कांग्रेस-सपा के संग आने के चलते बड़ा भाग गठबंधन प्रत्याशी पर उम्मीद लगाई जा सकती है.
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