पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है। आगामी महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार जल्द ही पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम चार्ज वसूल सकती है। अप्रैल 2020 से देशभर में नए उत्सर्जन मानक लागू होने हैं। देश में कई जगहों पर अब BS6 फ्यूल भी मिलने लगा है। रिफाइनरियों को बीएस 6 फ्यूल में अपग्रेड करने में तेल कंपनियों को काफी निवेश करना होगा। इस निवेश की भरपाई के लिए प्रीमियम चार्ज लाने पर विचार हो रहा है।

इतना बढ़ेगा दाम
अगर इसको मंजूरी मिलती है, तो एक लीटर पेट्रोल के दाम में 80 पैसे का इजाफा हो सकता है। वहीं डीजल की बात करें, तो इसका दाम 1.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकता है। ग्राहकों से यह नई रकम पांच साल तक वसूली जा सकती है। प्रस्ताव की मंजूरी के बाद वैश्विक स्तर पर प्रभाव वहीं पड़ेगा, हालांकि घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतें उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती हैं।
सरकारी और निजी तेल वितरण कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को बीएस-6 अपग्रेडेशन में निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाए जाने की अपील की है।
कंपनियां कर चुकी हैं काफी निवेश
अप्रैल 2017 से अबतक बीएस-6 अपग्रेडेशन पर सरकारी तेल कंपनियां (इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम करीब 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी हैं। वहीं निजी कंपनियां नायरा एनर्जी (पहले एस्सार ऑयल) और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी काफी निवेश किया है।
सरकार पहले ही बढ़ा चुकी हैं कीमतें
गाहकों पर यह दोगुनी मार होगी, क्योंकि बजट-2019-20 में सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। सरकार ने ईंधन पर एक रुपये अतिरिक्त स्पेशल एक्साइज और रोड एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के नाम पर एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।
केंद्र सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 2030 तक ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है।
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