सरकारी अस्पतालों में गर्भनिरोधक वैक्सीन इंजेक्शन की भारी कमी, अब सिर्फ ‘छाया’ ही बना सहारा

गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा महिलाओं की पहली पसंद बन रहा है। इस इंजेक्शन की लोकप्रियता बढ़ी तो अस्पतालों में इसकी आपूर्ति घट गई। ऐसे में गर्भ में अंतर रखने के लिए महिलाओं को छाया गोली समेत दूसरे उपायों को अपनाना पड़ रहा है। फैमिली प्लानिंग यूनिट में काउंसलर भी महिलाओं को छाया पर भरोसा करने की सलाह दे रही हैं।

झलकारीबाई अस्पताल में हर महीने करीब 50-60 महिलाएं अंतरा लगवाने आती हैं। काउंसलर संगीता सिंह कहती हैं, महिलाएं को गर्भ में अंतर रखने का ये उपाय भा रहा है, पर इंजेक्शन कम मिल रहा है। जनवरी में 400 इंजेक्शन की मांग की गई थी मगर, सिर्फ 26 की आपूर्ति हुई। झलकारीबाई अस्पताल में मार्च 2019 से दिसंबर 2019 तक 342 इंजेक्शन महिलाओं को अंतरा लगया गया है।

फैमिली प्लानिंग में आजादी

आलमबाग निवासी महिला ने बताया कि तीन महीने पहले अंतरा लगवाया था, अब फिर से लगवाने आई हैं। अंतरा से फैमिली प्लानिंग में आजादी मिली है। इसके लिए पति या परिवार से इजाजत नहीं लेनी पड़ती, दूसरे साधनों की पीड़ा भी नहीं सहनी पड़ती।

डफरिन को पांच महीने में 100 इंजेक्शन 

डफरिन अस्पताल की एसआइसी डॉ. नीरा जैन कहती हैं, अंतरा का स्टॉक खत्म है। पिछले पांच महीनों में केवल 100 इंजेक्शन मिले हैं। प्रतिमाह 100 से ज्यादा की जरूरत है। डीजी हेल्थ ने कहा है कि अंतरा की आपूर्ति के लिए दिल्ली में बात चल रही है।

काउंसलर दे रहीं छाया की सलाह

डॉ. नीरा जैन कहती हैं, टीकाकरण वाले दिन भी महिलाएं इंजेक्शन लगवाने आती हैं। एक इंजेक्शन तीन महीने तक काम करता है और अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलता है।

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