अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद से सियासी घमासान तेज हो गया है। सड़क से संसद तक हंगामा जारी है। शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयर लुढ़कते जा रहे हैं। तो वहीं पूरा विपक्ष इस मामले पर चर्चा की मांग कर रहा है। इसी मामले पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार को घेर है।
ललन सिंह ने दस्तावेजों के साथ ट्वीट कर लिखा कि अबतक जो सच्चाई उभरकर सामने आयी है, वह बताती है कि सत्ता का संरक्षण प्राप्त एक कॉरपोरेट घराने ने अबतक का सबसे बड़ा ₹81000 करोड़ का आर्थिक घोटाला करके देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त तो कर ही दिया साथ ही देश के करोड़ों लोगों ने एलआईसी (जीवन बीमा) में अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए जो निवेश किया था, वह भी अंधकारमय हो गया है। हिंडनबर्ग के एक खुलासे से एलआईसी को एक दिन में ₹18000 करोड़ का घाटा हुआ, जो इस देश के आम लोगों का पैसा था। इस मुद्दे पर सरकार संसद में बहस कराने से क्यों भाग रही है ?
आपको बता दें इससे पहले ललन सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि़ ये ‘सपनों का सौदागर’ जैसा है, जब आप सपने के बाद जागते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता है. इसके इसके अलावा महंगाई और बेरोजगारी को कैसे नियंत्रित किया जाए? इस बारे में भी इस बजट में कुछ भी नहीं है। वहीं विपक्ष भी हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद से आक्रामक है और मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं एलआईसी ने अडानी ग्रुप के बॉन्ड और इक्विटी ने 36.474.78 करोड़ रुपये निवेश किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले इस निवेश की वैल्यू डबल यानी 77000 करोड़ रुपये थी। जो अब घटकर 3300 करोड़ रूपए रह गई है।