ग्रेटर चेन्नई ट्रैफिक पुलिस ने शहर के प्रमुख सिग्नलों पर वेटिंग टाइम को कम करने के लिए, ‘स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम’ के तहत कई सिग्नलों को पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद करने की योजना बनाई है। पुलिस ने शहर भर में 65 सिग्नलों की पहचान की है जहां वेटिंग टाइम 15 मिनट से ज्यादा है। इस प्रस्ताव का फिलहाल पायलट आधार पर स्पेंसर, तेनाम्पेट और टी नगर सिग्नल पर टेस्टिंग की जा रही है। इसे जल्द ही ओएमआर, ईवीआर सलाई और 100 फीट रोड तक विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है।
स्पेंसर और नंदनम में, सिग्नल आंशिक रूप से बंद हैं और वाहनों को एक तरफ से जाने की अनुमति है। मीडियन यू-टर्न चौराहों को वाहनों के दाईं ओर मुड़ने या यू-टर्न लेने के लिए लगाया जाता है। टी नगर में सिग्नल पूरी तरह से बंद है। एल्डम्स रोड और टी नगर से वाहनों को अन्ना सलाई की ओर जाना चाहिए और क्रमशः तेनाम्पेट मेट्रो और अन्ना अरिवलयम के पास चौराहों पर यू-टर्न लेना चाहिए।
ग्रेटर चेन्नई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (यातायात) आर सुधाकर ने कहा, “हम यातायात और उनसे गुजरने वाले वाहन के प्रकार के आधार पर हर सिग्नल का विश्लेषण कर रहे हैं। जहां नए बदलाव लागू किए गए हैं, वहां सिग्नल में डिले टाइम काफी कम हो गया है।” जीसीटीपी के अध्ययन के अनुसार, टी नगर सिग्नल में वेटिंग टाइम 6 मिनट से घटाकर 45 सेकंड कर दी गई है।
पुलिस इन बदलावों को पायलट आधार पर लागू कर रही है और फीडबैक के आधार पर अन्य संकेतों तक विस्तार करने की योजना बना रही है। सुधाकर ने कहा, “ओएमआर पर टाइडेल पार्क जैसे कुछ जंक्शनों को सड़क इंजीनियरिंग के जरिए कुछ स्ट्रक्चरल बदलावों की जरूरत है। हम आवश्यक बदलाव करने के लिए राजमार्ग जैसे अन्य विभागों के साथ समन्वय कर रहे हैं।”
इसी तरह के बदलाव इससे पहले कोयंबटूर में भी लागू किए गए थे। राजमार्ग विभाग के एक इंजीनियर जी मनुनिधि ने दोनों परियोजनाओं पर काम किया। उन्होंने बताया, “इस परियोजना के पीछे मुख्य उद्देश्य सिग्नल पर वाहनों के वेटिंग टाइम को कम करना है।”
राजमार्ग विभाग के अध्ययन के आधार पर, टी नगर सिग्नल में 60 प्रतिशत से ज्यादा वाहन सीधे चलते हुए पाए जाते हैं और 40 प्रतिशत वाहन मुड़ते हुए पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, “सीधे चलने वाले वाहन अब बिना किसी देरी के गुजर सकते हैं और मुड़ने वाले वाहनों के लिए वेटिंग टाइम कम होकर अधिकतम 45 सेकंड हो गया है।”