चीनी उद्योग निकाय इस्मा ने चालू विपणन सत्र के लिए सकल चीनी उत्पादन नौ प्रतिशत गिरकर 337 लाख टन रहने का मंगलवार को अनुमान जताते हुए कहा कि यह उत्पादन घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। हालांकि इस्मा ने इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी को स्थानांतरित किए जाने का का अनुमान नहीं लगाया है। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने एक बयान में कहा, ‘‘चीनी विपणन सत्र 2023-24 में सकल चीनी उत्पादन लगभग 337 लाख टन होने का अनुमान है।”
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर सितंबर तक चलता है। अगस्त में इस्मा ने सकल चीनी उत्पादन 369 लाख टन होने का अनुमान लगाया था जबकि इथेनॉल के लिए 41 लाख टन भेजने के बाद शुद्ध चीनी उत्पादन 328 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था। इस्मा ने कहा, ‘‘भारत की घरेलू खपत औसत 278.5 लाख टन रहने के अनुमान को देखते हुए यह उत्पादन पर्याप्त चीनी की उपलब्धता का आश्वासन देता है।”
इस्मा ने कहा कि दिसंबर में शुरू होने वाले इथेनॉल आपूर्ति सत्र 2023-24 के लिए फ़ीड स्टॉक-वार इथेनॉल खरीद मूल्य की घोषणा के बाद ही इथेनॉल की ओर चीनी का उपयोग किये जाने का अनुमान लगाया जाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि वर्ष 2023-24 में देश में गन्ने का कुल रकबा लगभग 57 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है। भारत ने विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान 61 लाख टन चीनी का निर्यात किया जबकि इसके एक साल पहले यह रिकॉर्ड 112 लाख टन था। सरकार ने अभी तक इस विपणन वर्ष के लिए निर्यात की अनुमति नहीं दी है।