हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का पर्व मनाया जाता है. सकट चौथ का व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए रखती हैं. इस दिन भगवान गणेश और चन्द्र देव की उपासना करने का विधान है. जो कोई भी इस दिन श्री गणपति की उपासना करता है उसके जीवन के संकट टल जाते हैं. इस तिथि को तिल चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. माना जाता है कि सकट चौथ के दिन कुछ खास उपाय करने से संतान से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस साल सकट चौथ 10 जनवरी,मंगलवार के दिन मनाई जाएगी.
सकट चौथ पर मिलने वाले खास लाभ
इस दिन गणपति बप्पा की उपासना करने से व्यक्ति के सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं. इस दिन व्रत रखने से संतान प्राप्ति होती है और संतान से संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं. अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं. धन तथा कर्ज संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
भगवान गणेश की पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान करके गणेश जी की पूजा का संकल्प लें. दिन भर जलधार या फलाहार ग्रहण करें. संध्याकाल में भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें. भगवान को तिल के लड्डू, दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें. चन्द्रमा को निगाह नीची करके अर्घ्य दें. भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें. जैसी कामना हो , उसकी पूर्ति की प्रार्थना करें.
सकट चौथ के दिन संतान प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
रात में चन्द्रमा को अर्घ्य दें. भगवान गणेश जी के समक्ष घी का दीपक जलाएँ. उनको अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू अर्पित करें. उनके समक्ष बैठकर “ॐ नमो भगवते गजाननाय ” का जाप करें. पति – पत्नी एक साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा अच्छा होगा.
काम में आने वाली बाधाओं और संकटों से छुटकारा पाने के लिए
पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठें. उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. अपनी उम्र के बराबर लड्डू रखें.फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं . हर लड्डू के साथ “गं” कहते जाएं. इसके बाद बाधा दूर करने की प्रार्थना करें. एक लड्डू को खुद खा कर , बाकी सभी को बांट दें.