हर साल माघ के महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सकट चौथ के नाम से जानी जाती है। जी हाँ और इसी के साथ इसे सकट चतुर्थी और तिलकुटा चौथ के नाम से भी पुकारा जाता है। जी दरअसल यह त्योहार उत्तर भारत में खासतौर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। जी दरअसल इस दिन महिलाएं गणपति की पूजा करती हैं उन्हें तिल से बने तिलकुट का भोग लगाती हैं। इसी के साथ महिलाएं इस दिन अपनी संतान की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जल व्रत रहती हैं। वहीं इस दिन रात के समय चंद्रमा निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और इसके बाद अपने व्रत का पारण करती हैं। वहीं जो महिलाएं व्रत नहीं रखतीं, वह सुबह गणपति का पूजन करके उन्हें तिलकुट का भोग लगाती हैं। आपको बता दें कि इस बार सकट चौथ का व्रत 21 जनवरी को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस पूजा के दौरान कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान न करें ये गलतियां- ऐसा माना जाता है कि जहां गणेश भगवान की कृपा होती है, वहां कभी अमंगल नहीं होता। इस वजह से गणपति की पूजा के दौरान पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें क्योंकि इन दोनों को ही शुभ माना जाता है। ध्यान रहे काले रंग के वस्त्र न पहने क्योंकि शास्त्रों में काले रंग के वस्त्रों को पूजा के दौरान पहनना वर्जित बताया गया है।
* गणपति जी को भूल से भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए वरना सारी पूजा व्यर्थ हो जाती है। जी दरअसल गणपति कभी तुलसी को स्वीकार नहीं करते हैं। आपको बता दें कि तुलसी केवल भगवान विष्णु और उनके स्वरूपों को अर्पित की जाती हैं। आप गणपति को 21 दूर्वा की गांठ जरूर चढ़ाएं।
* सकट चौथ के व्रत में शाम को गणपति की पूजा करने के बाद चंद्र दर्शन करने का विधान है, इस वजह से अपने व्रत का पारण चंद्र दर्शन से पहले करने की भूल न करें। इसी के साथ चंद्र दर्शन करते समय चंद्रमा को अर्ध्य जरूर दें।
* चंद्रमा को अर्घ्य देने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि पानी की छीटें आपके पैरों पर न पड़ें। जी हाँ और इससे बचने के लिए आप नीचे गमला या बाल्टी रख लें। वहीं अगले दिन इस पानी को किसी गमले में या पेड़ पौधों में डाल दें। वहीं अर्घ्य के लिए जल में दूध और अक्षत डाल लें।