सोमवार को महिला आरक्षण बिल को यूनियन कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। एक तरफ जहां यह बिल महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर केंद्र सरकार के इस बिल पर सियासत शुरु है चुकी है। मंगलवार को संसद पहुंची समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा है कि महिला आरक्षण बिल को समर्थन लेकिन “आरक्षण के भीतर आरक्षण दिया जाए।” उनका तात्पर्य ओबीसी और एससी महिलाओं के लिए अलग से रिजर्वेशन के बारे में हैं।
सपा सांसद के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जया बच्चन के इस बयान के कई सियासी मतलब है। पीडीए के हकों की बात करना समाजवादी पार्टी की 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिहाज से एक अहम मुद्दा रहा है। ऐसे में सपा सांसद जया बच्चन द्वारा ओबीसी और एससी महिलाओं के लिए अलग से रिजर्वेशन की बात करना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।
वहीं महिला आरक्षण बिल को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ चरम पर है। मंगलवार को संसद पहुंची सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा है कि “ये हमारा है।” पत्रकारों के सवाल पर सोनिया गांधी ने इस बिल पर एक तरह से समर्थन की सहमति जताई है लेकिन ये भी कहा है की ये हमारा है।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेंश ने ट्वीट कर महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए प्रयासों की एक टाईलाईन सांझा की गई। जयराम रमेश ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी।