अपनी मिसाइल गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहने वाला उत्तर कोरिया एक नए मुसीबत में फंस सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया से संचालित साइबर अपराधों की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया है। अगर यह आरोप सही साबित हुए तो उत्तर कोरिया को कठोर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

भारत समेत 17 मुल्कों ने उत्तर कोरिया पर साइबर क्राइम करने का आरोप लगाया है। इन देशों का दावा था कि उत्तर कोरिया साइबर अपराध से अर्जित धन का इस्तेमाल विनाशक हथियारों को खरीदने में करता है। शिकायतकर्ता देशों ने यह मांग की है कि उत्तर कोरियाई जहाजों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन पर प्रतिबंध लगाया जाए। जांच दल के पास साइबर क्राइम से जुड़ी विभिन्न देशों की करीब 35 शिकायतें हैं।
पिछले हफ्ते जांच दल ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया ने वित्तीय संस्थानों और क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ परिष्कृत साइबर गतिविधियों के जरिए करीब दो बिलियन अमेरिकी डालर का अवैध अधिग्रहण किया है। अब तक दुनिया के 13 मुल्क (कोस्टारिका, गांबिया, कुवैत, लाइबेरिया, मलेशिया, माल्टा, नाइजीरिया, पोलैंड, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया और वियतनाम) साइबर हमले के शिकार हो चुके हैं।
इस संदर्भ में एपी को हाल में मिली एक विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 10 साइबर हमले पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया पर किए। इसके बाद तीन भारत और बांग्लादेश औश्र चिली पर दो-दो हमले किए। विशेषज्ञों का कहना है कि इन हमलों की जांच संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के उल्लंघन के तौर पर कर रहा है।
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