गाजा में अविलंब और स्थायी युद्धविराम के प्रस्ताव का भारत ने समर्थन करते हुए उसके पक्ष में मतदान किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में आया था। इस प्रस्ताव में हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी इजरायली और अन्य देशों के नागरिकों की अविलंब और बिना शर्त रिहाई की बात भी कही गई है।
यह प्रस्ताव पारित हो गया है। महासभा के दसवें आपात सत्र में इंडोनेशिया द्वारा गाजा में युद्धविराम की मांग के शीर्षक वाला प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ और उस पर चर्चा के बाद मतदान हुआ। प्रस्ताव के समर्थन में भारत सहित कुल 158 देशों ने मतदान किया, जबकि इजरायल और अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला। यूक्रेन, अल्बानिया सहित 13 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
193 देशों को है मतदान का अधिकार
विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र के 193 देश सदस्य हैं, जिन्हें प्रस्ताव पर मतदान का अधिकार है। प्रस्ताव में अविलंब, बिना शर्त, स्थायी युद्धविराम की मांग की गई थी, जिसे महासभा ने बहुमत के आधार पर स्वीकार किया है। आमसभा में यह प्रस्ताव जून 2024 में सुरक्षा परिषद के उस संकल्प के बाद आया था, जिसमें अविलंब युद्धविराम और फलस्तीनी कैदियों के बदले में गाजा में बंधक बने लोगों की रिहाई की बात कही गई थी। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र में पारित प्रस्ताव इजरायल के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इससे विश्व समुदाय की इच्छा का पता चलता है।
इजरायली हमलों में 36 फलस्तीनी मारे गए
गाजा में गुरुवार को इजरायल के हमलों में 36 लोग मारे गए। इनमें से ज्यादातर लोग इजरायल के दो हवाई हमलों में मारे गए। ये हमले रफाह और खान यूनिस में हुए हैं। इजरायली सेना ने दावा किया है कि इन हमलों में हमास के लड़ाकों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया। जबकि हमास ने कहा है कि इजरायली सेना मानवीय सहायता लेकर गाजा आ रहे ट्रकों को सुरक्षा देने वालों को निशाना बना रही है। इससे बेघर लोगों को खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी सामान मिलने में बाधा आ रही है।
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