स्‍पेशल कोविड-19 श्रेय अस्‍पताल अग्निकांड की जांच उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत्त न्‍यायाधीश करेंगे। गृहराज्‍यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने मंगलवार सुबह इसकी घोषणा की। नवरंगपुरा पुलिस ने  अस्‍पताल के ट्रस्‍टी भरत विजयदास महंत के खिलाफ आईपीसी की विविध धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पूछताछ शुरु कर दी है। कोरोना संक्रमित 8 जनों की मौत मामले में अस्‍पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है।

गृह राज्‍यमंत्री जाडेजा ने बताया कि मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी ने श्रेय अस्‍पताल में हुई दर्दनाक घटना की न्‍यायिक जांच का फैसला किया है। उच्‍च न्‍यायालय के सेवानिवृत्त न्‍यायाधीश से इसकी जांच कराई जाएगी। इससे पहले मुख्‍यमंत्री रुपाणी ने खुद कहा था कि इस घटना के किसी भी दोषी को बख्‍शा नहीं जाएगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इसके बाद नवरंगपुरा पुलिस ने फोरेंसिक रिपोर्ट, फायर ब्रिगेड व इलेक्ट्रिक विभाग की रिपोर्ट के आधार पर श्रेय अस्‍पताल ट्रस्‍टी भरत महंत व अस्‍पताल प्रबंधन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए, 336, 337, 338 व 339 के तहत मुकदमा दर्ज कर महंत से कई घंटे तक पूछताछ की। 5 अगस्‍त बुधवार मध्‍य रात्रि को हुए इस हादसे की पुलिस प्राथमिकी सोमवार को दर्ज की गई। इस घटना में 8 कोरोना संक्रमितों की जलने से मौत हो गई थी। इससे पहले पुलिस व महानगर पालिका प्रशासन पर भी दोषियों को बचाने का आरोप लगता रहा।

श्रेय अस्‍पताल हादसे की जांच में पता चला है कि अस्‍पताल की जगह आवासीय निर्माण की मंजूरी ली गई जिसके प्रथम तल का उपयोग कॉमर्शियल बताया गया था। खुली जगह पर अवैध तरीके से कैंटीन का निर्माण किया गया। अस्‍पताल के फायर उपकरण नाकारा हो चुके थे तथा प्रबंधन के पास फायर एनओसी भी नहीं थी। आईसीयू वार्ड का फिंगर लॉक डोर कैसे लॉक हो गया। इमरजेंसी अलार्म की कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी। अस्पताल के आइसीयू वार्ड का इलेक्ट्रिक लोड कितना था तथा घटना के वक्‍त वहां कितने कर्मचारी मौजूद थे। पूछताछ में यह भी पता चला है कि शॉर्ट सर्किट के चलते एक महिला मरीज के बालों में आग लग गई जो पर्दे तक पहुंच गई। वार्ड ब्‍वॉय गौरव व सागर ने आग बुझाने का प्रयास किया तो गौरव के पीपीई किट में भी आग लग गई थी।