श्री सांईबाबा अपने श्रद्धालुओं पर बड़ी कृपा रखते हैं। बाबा के चमत्कारों का अनुभव उनके भक्तों का आज भी होता है। बाबा की महिला इतनी निराली है कि श्रद्धालुओं के मन में जो बात आती है उसे श्री सांई बाबा जान जाते हैं। इस तरह के चमत्कार आज भी हो जाते हैं। यही नहीं श्री सांई बाबा की जन्मतिथि, जन्म स्थान और माता – पिता का किसी को भी पता नहीं है दरअसल यह सब बाबा ने ही किसी को बताया नहीं लेकिन बाबा ने अपने भक्तों के बीच में श्रद्धा, सबूरी और विश्वास का ऐसा अंकुरण किया जिसे पाकर श्रद्धालु अभिभूत हो उठते हैं।
श्री सांई बाबा को कबीर का अवतार कहा जाता है। वैसे उन्हें भगवान दत्तात्रेय का अवतार कहा जाता है। जो भी हो मगर बाबा में ईश्वरीय शक्ति थी और इसके प्रमाण उनके श्रद्धालुओं को मिले हैं। आज भी श्रद्धालु श्री सांई बाबा की समाधि, पवित्र धुनि और देशभर में मौजूद उनके मंदिरों से होने वाले चमत्कार का साक्षात्कार करते हैं यही नहीं बाबा कहीं भी हों मगर मन से अपने श्रद्धालु द्वारा स्मरण किए जाने पर उसकी मदद के लिए चले आते हैं। श्री सांई के जीवनों से जुड़े अनुभवों को श्री सांई सच्चरित्र में लिपिबद्ध किया जाता है।
श्री अन्ना साहेब दाभोलकर ने वर्ष 1914 में प्रकाशित किया। इस पुस्तक में श्री सांई की शिक्षाऐं भी दी गई हैं। श्री सांई बाबा विश्वास जाति – धर्म और राज्यों से परे देशों की सीमा लांघ चुकी है। बाबा की महिमा बड़ी निराली है। सच्चे मन से श्री सांई के चरणों में आने वाले श्रद्धालुओं का बाल भी बांका नहीं हो पाता है। श्री सांई को सभी धर्मों के लोग मानते हैं और वे भी हर भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं।