जन्माष्टमी का पर्व पास आने में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में इस बार 24 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. ऐसे में पूरे जगत में भगवान श्री कृष्ण और राधा का प्रेम प्रसिद्ध है और भगवान श्री कृष्ण और राधा का प्रेम अनोखा है। कहते हैं और आप सभी ने पढ़ा भी होगा कि दोनों एक दूसरे के हृदय में रहते हैं, लेकिन एक बार श्री कृष्ण ने ऐसा काम किया कि राधा संग समस्त गोपियां कृष्ण से दूर-दूर रहने लगी और राधा ने कृष्ण से यह भी कहा कि मत छूना मुझे. जी हाँ, आपको बता दें कि इस घटना के बाद कृष्ण ने जो किया उसकी निशानी आज भी गोवर्धन पर्वत की तलहटी में कृष्ण कुंड के रुप में मौजूद है।
जी हाँ, कहते हैं इस कुंड के निर्माण का कारण राधा कृष्ण यह संवाद माना जाता है जब राधा ने कृष्ण को अपना स्पर्श करने से मना कर दिया था। जी हाँ, इसकी वजह यह थी कि, भगवान श्री कृष्ण ने कंश के भेजे हुए असुर अरिष्टासुर का वध कर दिया था और अरिष्टासुर बैल के रुप में व्रजवासियों को कष्ट देने आया था। इसी के साथ बैल की हत्या करने के कारण राधा और गोपियां कृष्ण को गौ का हत्यारा मान रही थी. वहीं कृष्ण ने राधा को खूब समझाने का प्रयास किया कि उसने बैल की नहीं बल्कि असुर का वध किया है और कृष्ण के समझाने के बाद भी जब राधा नहीं मानी तो श्री कृष्ण ने अपनी ऐड़ी जमीन पर पटकी और वहां जल की धारा बहने लगी।
वहीं कहा जाता है इस जलधारा से एक कुंड बन गया और श्री कृष्ण ने तीर्थों से कहा कि आप सभी यहां आइए। उसके बाद कृष्ण के आदेश से सभी तीर्थ राधा कृष्ण के सामने उपस्थिति हो गए और फिर सभी कुंड में प्रवेश कर गए। कहते हैं श्री कृष्ण ने इस कुंड में स्नान किया और कहा कि इस कुंड में स्नान करने वाले को एक ही स्थान पर सभी तीर्थों में स्नान करने का पुण्य प्राप्त हो जाएगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal