मुरादनगर के श्मशान घाट में छत गिरने से 24 लोगों की मौत का जिम्मेदार मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी 36 घंटों बाद सोमवार रात पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तारी से तीन घंटे पहले ही एसएसपी ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आरोपी ठेकेदार से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। सभी गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कठोरतम धाराओं में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्मशान घाट के गलियारे का निर्माण करने वाला ठेकेदार अजय त्यागी राजनगर सेक्टर-7 में रहता है। डी-57 नंबर से उसकी आलीशान कोठी है। रविवार को श्मशान घाट के गलियारे की छत गिरने की सूचना मिलते ही अजय त्यागी अपना घर छोड़कर फरार हो गया था। मुकदमे में नामजद होने बाद पुलिस रविवार रात उसके घर पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। पुलिस को घर के बाहर उसकी फॉर्च्यूनर कार खड़ी मिली, जिसमें पंचर कर पुलिस तैनात कर दी गई। एसएसपी ने सोमवार रात साढ़े 8 बजे अजय त्यागी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस की चार टीमें उसकी तलाश में खाक छान रही थीं। रात करीब साढ़े 11 बजे अजय त्यागी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस का कहना है कि मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
अजय त्यागी जाते-जाते घर के सभी दरवाजे लॉक कर गया, लेकिन हड़बड़ाहट में घर का मैन गेट खुला छोड़ गया। पुलिस को गेट खुला मिला तो अंदर परिजनों के होने की आस लगी, लेकिन अंदर के दरवाजे बंद होने के चलते मायूसी हाथ लगी। इसके बाद कविनगर थाने की सेक्टर-9 पुलिस चौकी से दो पुलिसकर्मी ठेकेदार अजय त्यागी के घर पर तैनात कर दिए गए
दर्दनाक हादसे पर लखनऊ के साथ-साथ दिल्ली से भी अपडेट ली जा रही थी। मुख्यमंत्री के साथ-साथ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी घटना पर संज्ञान लिया था। पुलिस ने सोमवार सुबह मुकद में नामजद ईओ समेत तीन पालिककर्मी गिरफ्तार कर लिए थे, लेकिन ठेकेदार अजय त्यागी पकड़ से दूर था। आला अफसरों के दबाव के चलते पुलिस पर उसे पकड़ने की चुनौती थी। इसके लिए पुलिस ने ठेकेदार के परिवार और रिश्तेदारों पर दबाव बनाया। यही दबाव काम आया और अजय त्यागी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
सड़क पर शव रखकर ग्रामीण बार-बार घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस पर आईजी व एसएसपी ने कहा कि घटना से जुड़े दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। आरोपियों द्वारा अवैध रुप से अर्जित की गई संपत्ति कुर्क की जाएगी। साथ ही जिस आरोपी के पास शस्त्र लाइसेंस होगा, उसे भी निरस्त किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि फिलहाल मुकदमे में चार नामजद हैं। विवेचना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।