नागरिकता कानून को लेकर शिवसेना ने केंद्र को आड़े हाथों लिया है। शिवसेना ने कहा कि नया नागरिकता कानून लाकर वह यह दिखाना चाहती है कि वह हिंदुओं की इकलौती तारणहार है। केंद्र के इस कदम से पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा शुरू हो गई है, ऐसा दर्द देकर वह किस तरह की राजनीति करना चाहती है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद गुरुवार रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही विधेयक कानून में तब्दील हो गया है।
शिवसेना ने आरोप लगाया कि यह विधेयक केवल इसलिए लाया गया ताकि केंद्र सरकार साबित कर सके कि दुनियाभर में हिंदुओं की रक्षक केवल वही है। लेकिन सरकार के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है कि अनुच्छेद 370 के लगभग सभी प्रावधानों को खत्म करने के बावजूद कश्मीरी पंडित कश्मीर क्यों नहीं लौट सके हैं। कश्मीर में हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं।
शिवसेना ने इस विधेयक का लोकसभा में तो समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया और वॉकआउट कर दिया।