आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार, इन पांचों आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत एकत्र किए गए हैं और उन्हें सोमवार को पटना की अदालत में पेश किया जाएगा।
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक युवती और चार युवक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी पहचान बदलकर उज्जैन में छिपे थे। ईओयू की टीम को इनकी जानकारी मिली तो फौरन मध्य प्रदेश पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर पांचों को गिरफ्तार कर लिया।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू)के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक केस में पांच आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह सभी एक गिरोह के सदस्य हैं। इन्हें वापस पटना लाने के लिए ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किया गया है।
सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा
आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार, इन पांचों आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत एकत्र किए गए हैं और उन्हें सोमवार को पटना की अदालत में पेश किया जाएगा। बता दें कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 15 मार्च को 415 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। परीक्षा में लगभग 3.75 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इसके बाद पेपर लीक की बात सामने आई।
266 लोगों को ईओयू ने भेजा जेल
आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार लोक सेवा आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र एवं उत्तर मुहैया कराने के एवज में दस-दस लाख रुपये सॉल्वर गैंग ने लिया था। आर्थिक अपराधी इकाई की टीम ने हजारीबाग और पटना के करबिगहिया में छापेमारी कर कुल सॉल्वर गैंग के सदस्य और अभ्यर्थी समेत 313 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें से 266 को जेल गया। इसके लिए शनिवार देर रात को ही सिविल कोर्ट में इनकी पेशी हुई। इनमें 266 अभ्यर्थियों में 88 महिला अभ्यर्थी भी शामिल थीं।