शाहरुख खान की धर्म पत्नी गौरी खान आज 50 साल की हो गई

देश में जिस शख्स को लोग खूब चाहते हैं, उन शाहरुख खान की चाहत हैं, गौरी खान। गौरी गुरुवार को 50 साल की हो गईं। हालांकि देखने में वह अब भी किसी युवती सी ही चंचल, शोख और मोहक दिखती है। इनका असली नाम गौरी छिब्बर है। देश की बड़ी इंटीरियर और फैशन डिजाइनरों में गिनी जाने वाली गौरी ने जो भी ‘मन्नतें’ मांगी सब पूरी हो चुकी है। अपने सपनों के घर मन्नत में बने मंदिर में वह सुबह शाम कान्हा की पूजा करती हैं। और, अपने बच्चों के साथ इंसानियत के धर्म को सबसे ऊपर रखकर रोज आगे बढ़ती जाती हैं। गौरी की 50वीं सालगिरह पर चलिए आपको सुनाते हैं कुछ कम सुनी, कुछ अनसुनी कहानियां। शाहरुख और गौरी ने दरअसल मशहूर गीतकार संतोष आनंद की लिखी वो लाइन जीकर दिखाई, वो जवानी जवानी नहीं जिसकी कोई कहानी न हो..

गौरी का जन्म एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में दिल्ली के पास होशियारपुर में हुआ। बचपन दिल्ली के पंचशील पार्क में बीता और शुरुआती पढ़ाई लोरेटो कन्वेंट स्कूल से हुई। बाद में उन्होंने मॉडर्न स्कूल में दाखिला ले लिया। लेडी श्रीराम कॉलेज से गौरी ने बीए की डिग्री हासिल की है। कॉलेज के दिनों ही में उनकी पहली मुलाकात शाहरुख खान से हुई। दोनों दिल्ली के पंचशील क्लब में मिले। हालांकि, जब पहली बार शाहरुख ने गौरी को क्लब में देखा तो वह उनसे बात तक करने की हिम्मत नहीं कर पाए थे। बस देखते ही रह गए। फिर तो ऐसा हो गया था कि गौरी जिस भी क्लब में जातीं, शाहरुख भी वहीं पहुंचने की कोशिश करते।

शाहरुख ने गौरी से तीसरी मुलाकात में बातचीत की और उनसे उनके घर का फोन नंबर ले दिया। लेकिन फोन पर गौरी से बातचीत करना इतना आसान नहीं था। गौरी एक संयुक्त परिवार में रहती थीं। उनके पिता के साथ उनके चाचा भी अपने परिवार के साथ उसी घर में रहते थे। तब शाहरुख अपनी किसी महिला दोस्त से गौरी के घर पर फोन करवाते और गौरी से बात करने की इच्छा जाहिर करते। अब दूसरी तरफ भी कोई लड़की ही बात कर रही है तो घर वालों को भी कोई दिक्कत नहीं होती थी। हर बार गौरी के सामने अपना परिचय न देना पड़े इसलिए शाहरुख जिस भी दोस्त से फोन करवाते उसे अपना नाम ‘शाहीन’ बताने के लिए कहते। यह एक ऐसा कोड वर्ड था जिससे गौरी हमेशा पहचान लेती थीं और वह दौड़ कर फोन पर आतीं।

गौरी अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने लग गई थीं। साथ ही वह शाहरुख के साथ रिश्ते को लेकर भी थोड़ी परेशान रहने लगीं। वह शाहरुख से प्यार तो करती थीं लेकिन वह अपने परिवारीजनों को अलग धर्म के प्रेमी के लिए कैसे मनातीं? इसी बीच शाहरुख भी अपने अभिनय करियर की ओर बढ़ चले थे। उन दिनों वह अपने धारावाहिकों ‘दिल दरिया’, ‘फौजी’ और ‘दूसरा केवल’ में काम करने लगे। एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा कि जब गौरी अपने बाल खुले छोड़तीं तो बहुत खूबसूरत लगती थीं। वह नहीं चाहते थे कि दूसरे लड़के भी उन्हें देखें। उनके अंदर गौरी को लेकर असुरक्षा की भावना पैदा हो चुकी थी। इसका कारण यह था कि उन दिनों गौरी और शाहरुख के बीच बातचीत बहुत कम होती।

ये उन दिनों की बात है जब शाहरुख के अंदर गौरी को लेकर असुरक्षा की भावना इतनी आ गई थी कि वह उन्हें दूसरों के साथ बैठा हुआ नहीं देख सकते थे। इन सब चीजों से गौरी को घुटन होने लगी थी। लेकिन, शाहरुख तो गौरी से बहुत प्यार करते थे। जब गौरी का 19वां जन्मदिन आया तो शाहरुख ने अपने कमरे को बहुत अच्छे से सजाया। गौरी के लिए वह कई उपहार भी लाए। जब अपने जन्मदिन पर गौरी शाहरुख खान से मिलने उनके घर आईं तो कमरे को सजा हुआ देखकर वह शाहरुख के दीवानेपन को समझ गईं। वह खुद को रोक नहीं पाईं और वहीं फूट-फूट कर रोने लगीं। हालांकि गौरी के रोने की वजह शाहरुख नहीं समझ पाए। थोड़ी देर में गौरी वहां से चली गई और अगली ही सुबह शाहरुख को पता चला कि गौरी ने दिल्ली छोड़ दिया है।

गौरी जब दिल्ली छोड़ कर चली गईं तो शाहरुख बहुत परेशान रहने लगे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर गौरी है कहां? एक दिन शाहरुख ने लड़की की आवाज में गौरी के घर फोन लगा लिया और उनसे गौरी का पता पूछा। घर से उन्हें यह तो पता चल गया कि गौरी मुंबई में हैं लेकिन कहां है? यह पता नहीं चल पाया। मुंबई शाहरुख की पहुंच से बहुत दूर था। जब वह लगातार परेशान रहने लगे तो उनकी मां से रहा न गया। एक दिन उन्होंने शाहरुख को 10 हजार रुपये दिए और कहा कि जाओ और गौरी को ढूंढो। शाहरुख की खुशी का ठिकाना न रहा। वह अपने घर से अपने एक दोस्त को साथ लेकर गौरी की खोज में दिल्ली से मुंबई की ओर निकल पड़े।

गौरी को खोजने के लिए शाहरुख अपने दोस्त बेनी को लेकर मुंबई आ गए। दो दिन उन्होंने अपने एक दोस्त के यहां गुजारे और फिर उसके बाद कई दिनों तक वह सड़कों पर खाना खाकर और फुटपाथ पर बेंच पर सोकर दिन गुजारने लगे। काफी दिन गुजर जाने के बाद भी उन्हें गौरी का पता न चला। उन्हें गौरी की सिर्फ एक आदत पता थी कि उन्हें समुद्र के किनारे समय बिताना बहुत पसंद है। लेकिन, मुंबई में एक बीच हो तो कोई बात बने। फिर भी लगातार शाहरुख बिना हार माने गौरी को खोजते रहे। एक दिन जब वह गोराई बीच से वापस लौट रहे थे तो उनकी नजर पड़ी गौरी पर। उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। गौरी ने जब शाहरुख को देखा तो वह दौड़ कर उनके पास आईं और गले लगा कर खूब रोईं।

मुंबई से वापस दिल्ली लौटने के बाद शाहरुख अपने टीवी धारावाहिकों में काफी व्यस्त हो गए थे। धारावाहिक ‘फौजी’ में अभिमन्यु का निभाया उनका किरदार काफी लोकप्रिय हुआ और दिल्ली में उन्हें लोग चेहरे से पहचानने लगे। उनके कुछ प्रशंसक तो गौरी के परिवार के लोग भी थे। हालांकि, उन्हें पता नहीं था कि आखिर अभिमन्यु का किरदार निभाने वाला यह लड़का है कौन? एक दिन जब गौरी के पिता रमेश चंद्र को पता चला कि गौरी एक मुस्लिम लड़के के साथ क्लब में है तो वह फौरन क्लब की ओर लपके। लेकिन, गौरी की बहन प्रियंका ने वक्त रहते गौरी को इसकी खबर दे दी और वहां से गौरी और शाहरुख दोनों खिसक गए। गौरी के परिवार में इस बात का पता चल चुका था कि गौरी किसी मुस्लिम लड़के को पसंद करती हैं। यह बात उन्हें नागवार गुजरी।

उस वक्त शाहरुख को धारावाहिक सर्कस में काम करने का मौका मिला। इसके लिए उन्हें मुंबई जाना था। जब शाहरुख के मुंबई जाने की बात गौरी को पता चली तो वह बहुत नाराज हुईं। दरअसल, वह तो शाहरुख के अभिनय करियर के बिल्कुल खिलाफ थीं। वह चाहती थीं कि शाहरुख कोई नौकरी करें, अभिनय नहीं। शाहरुख अपने सपने को पूरा करना चाहते थे इसलिए वह मुंबई चले गए। वहां से वह हर रोज गौरी को फोन करते और फोन पर इन दोनों की खूब लड़ाइयां होती। इसी बीच शाहरुख ने अपनी एक फिल्म ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ भी साइन कर ली। शाहरुख काम भले ही मुंबई में कर रहे थे लेकिन गौरी की वजह से उन्हें बार-बार दिल्ली आना पड़ता था। कुछ समय बाद उन्हें लगा कि अब गौरी के घरवालों को सब सच बताना ही पड़ेगा। इसकी शुरुआत उन्होंने गौरी के चाचा तेजिंदर से की। उन्होंने ही शाहरुख को गौरी के माता-पिता से मिलने का रास्ता बताया।

गौरी के चाचा तेजिंदर ने शाहरुख को बताया कि कुछ दिन बाद उनके घर पर एक छोटी सी पार्टी है जिसमें वह हंसी-खुशी गौरी के माता-पिता से मिल सकते हैं। शाहरुख उस पार्टी में पहुंचे। उस पार्टी में आए मेहमानों ने शाहरुख को उनके अभिमन्यु के किरदार से तुरंत पहचान लिया। खुद गौरी के पिता रमेश चंद्र भी शाहरुख को देखकर बहुत खुश हुए। पहले उन्होंने शाहरुख के किरदार की तारीफ की और उनसे फिर उनका असली नाम पूछा। जब शाहरुख ने उन्हें अपना असली नाम बताया तो वह तुरंत समझ गए और शाहरुख को तुरंत जाने के लिए कहा। शाहरुख ने भी कोई आनाकानी नहीं की और वह उनकी बात रखकर वहां से चले गए। जाने से पहले उन्होंने गौरी की मां से पकौड़ों के लिए धन्यवाद कहा और उनकी तारीफ भी की। यहां से गौरी की मां उन्हें पसंद करने लगी थीं।

गौरी और शाहरुख के रिश्ते से गौरी की मां बहुत तनाव में थीं। उन्होंने एक दिन ज्यादा मात्रा में नींद की गोलियां खा लीं और उन्हें अस्पताल में ले जाना पड़ा। इस घटना के बाद एक दिन शाहरुख ने गौरी के घर पर फोन करके बता दिया कि उन्होंने गौरी के साथ शादी कर ली है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि अभी शादी की नहीं है लेकिन बहुत जल्दी कर लेंगे। इससे पहले वह अदालत में शादी करने की अर्जी लगा चुके थे। जब गौरी के पिता को लगा कि अब इन दोनों के बीच में बोलना ठीक नहीं है इसलिए उन्होंने गौरी को शाहरुख से शादी करने की इजाजत दे दी। 26 अगस्त 1991 को शाहरुख और गौरी ने कोर्ट मैरिज की। इसके बाद इन दोनों का निकाह भी पढ़वाया गया जिसने गौरी का नाम आयशा रखा गया। 25 अक्टूबर 1991 को हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से शाहरुख और गौरी की शादी हुई। इसमें शाहरुख का नाम राजेंद्र कुमार तुली रखा गया। इन दोनों के अब तीन बच्चे हैं।

 

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