आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं और जहाँ महिलाएं घर की चौखट से बाहर नहीं निकल पातीं हैं, उनके लिए दिल्ली की 55 वर्षीय शांति देवी किसी मिसाल से कम नहीं हैं. शांति देवी ने कठिन वक़्त देखा है और उनकी अपने जीवन से लड़ाई जारी है. उन्होंने अपने हौंसले के बल पर खुद का रास्ता बनाया है. शांति देवी इस उम्र में भी इतनी मेहनत का काम करती है जो अच्छे-अच्छे युवकों के भी बस की बात नहीं. शांति देवी दिल्ली की सड़कों पर गुजर रहे लोगों की गाड़ी के टायर पंक्चर ठीक करती है. इन गाड़ियों में चाहे कार हो या ट्रक हो वो चंद मिनटों में भारी भरकम टायरों को खोलकर उनका पंक्चर ठीक कर देती है.
दिल्ली की शांति देवी ऐसी महिला हैं जो मिनटों में गाड़ियों के टायर बदलकर पंक्चर ठीक कर देती हैं. वो बड़ी कुशलता से बड़े-बड़े ट्रकों के टायर को भी पलक झपके बदल देती हैं और उनके पंक्चर भी ठीक कर देती हैं. 55 साल की शांति देवी इस उम्र में भी रोजाना लगभग 12 घंटे काम करती हैं. वो पिछले 20 साल से नेशनल हाइवे 4 पर लगे संजय गांधी नगर ट्रांसपोर्ट डिपो (आजादपुर मंडी) में पंक्चर ठीक कर रही हैं.
शांति देवी रोज़ाना 10 से 15 टायरों के पंक्चर ठीक करती हैं और इसके साथ ही वो वजन में लगभग 50 किलो के टायर को आराम से उठा भी सकती हैं. इनको काम करते देखकर हट्टे-कट्टे नौजवान भी हैरत में पड़ जाते हैं कि एक महिला इस उम्र में कैसे इतनी आसानी से ट्रक के बड़े-बड़े टायरों को मिनटों में बदल देती है.