शर्मनाक: ससुर का घिनौना खुलासा, बहू से बोला- अपने शौक के लिए बेटे से निकाह कराया

उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में एक शख्स अपनी बहू के साथ पांच वर्ष तक दुष्कर्म करता रहा। बहू विरोध करती तो आरोपी कहता कि -तुझे बेटे के लिए नहीं अपने शौक के लिए लाया हूं। पीड़िता का शौहर भी इससे वाकिफ था। पत्नी के विरोध पर वह उसे पीटता था। 

बाद में देवर भी पीड़िता से रेप करने लगा। तंग आकर महिला ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया, लेकिन मदद नहीं मिली। अब पीड़िता ने फरहत नकवी से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। पुराने शहर की पीड़िता का निकाह वर्ष 2014 में ब्रह्मपुरा के युवक से हुआ था।

तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ लड़ाई लड़ रही मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी को पीड़िता ने बताया कि निकाह के बाद ससुर उससे छेड़छाड़ के बाद रेप करने लगा। शिकायत पर पति ने पिटाई शुरू कर दी। 

शह पाकर देवर भी रेप करने लगा। इतना ही नहीं बेशर्म पति ने पीड़िता को दोस्तों के सामने परोस दिया। फरहत नकवी ने कहा कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना में पीड़िता को न्याय दिलाया जाएगा। 

हलाला न कराने पर बहिष्कार का दंश झेल रहा खुशुबुद्दीन

तीन तलाक के बाद हलाला न कराने पर गांव में एक वर्ग के लोगों ने पांच वर्षों से खुशुबुद्दीन को सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर रखा है। हालात यह हैं कि लोगों ने खुशुबुद्दीन के बेटे की मौत पर कब्रिस्तान में शव दफनाने के दौरान बाधा खड़ी कर दी। फिर बेटी की मौत होने पर अंतिम संस्कार के वक्त बिरादरी का कोई शख्स नहीं आया। 

उल्टे उसे हलाला की रस्म अदायगी न करने पर गांव छोड़ने की धमकी दी जा रही है। इतने विरोध के बाद भी खुशुबुद्दीन अपने इरादों पर डटा है। उसने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

 बौंडी फतेहउल्लापुर निवासी पेशे से राजगीर खुशुबुद्दीन खां पुत्र लियाकत की एक दर्द भरी दास्तां है। उसकी शादी वर्ष 2010  में इसी थाने के खैरटिया अमीनपुर निवासी जब्बार खां की बेटी हसरतुन के साथ इस्लामिक रिवाज से हुई थी। 

गुजर-बसर के लिए उसके पास चार बीघा खेत है। वर्ष 2014 में रमजान माह के दौरान गुस्से में आकर खुशुबुद्दीन ने पत्नी हसरतुन को तीन तलाक कह दिया। बाद में वह पछताया और उलमाओं से राय ली। उसे बताया गया कि दिया गया तलाक जायज नहीं है।

एक बार में दिया गया तीन तलाक मंजूर नहीं होता। फिर खुशुबुद्दीन ने पत्नी को अपना लिया। कुछ दिन बाद हलाला का शोर हुआ और खुशुबुद्दीन का सामाजिक बहिष्कार शुरू हो गया।

इंटर पास है पीड़ित खुशुबुद्दीन: खुशुबुद्दीन इंटर पास है। वह हिन्दी ही नहीं उर्दू, अंग्रेजी, अरबी व फारसी का जानकार है। उसने कुछ वर्षों तक मदरसे में पढ़ाया है। हलाला को लेकर खुशुबुद्दीन के अपने महजबी तर्क हैं।  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com