ओएस्ट्रोजन-अच्छे मूड वाला हार्मोन
यह हार्मोन आपके मूड और इमोशन के लिए जिम्मेदार होता है. आपका गुस्सा, दया, मूड खराब या चिड़चिड़ापन महसूस होना, इसमें इसी हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. महिलाओं में इस हार्मोन बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उनके शरीर को पुरुषों से अलग विकसित करने की जिम्मेदारी इसी हार्मोन पर निर्भर करती है. यही कारण है कि जिन महिलाओं में ओएस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होती है, उनमें हड्डियों की कमजोरी, मसल्स लॉस, हार्ट की बीमारियां, जल्दी मेनोपॉज जैसी समस्याएं देखी जाती हैं. इसके अलावा खुशी वाले हार्मोन्स जैसे- सेरोटोनिन और डोपामाइन भी इसी हार्मोन के प्रभाव से रिलीज होते हैं. इस हार्मोन को बढ़ाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज और अच्छी डाइट लेना बहुत जरूरी है.
कॉर्टिसोल-स्ट्रेस हार्मोन
जब आप चिंता करते हैं तो आपका शरीर कॉर्टिसोल हार्मोन रिलीज करता है. ये हार्मोन ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाता है. इस हार्मोन की अधिक मात्रा तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं का कारण बनती है. इसके साथ ही यह वजन बढ़ने में भी जिम्मेदार होता है. इस हार्मोन की कमी के कारण थकान, वजन घटने और मूड खराब रहने की समस्या होती है. इसलिए शरीर में इस हार्मोन का बैलेंस होना जरूरी है. इसको बैलेंस में रखने के लिए आप एक्सरसाइज अवश्य करें.
मेलाटोनिन-नींद वाला हार्मोन
अगर आप अच्छी और गहरी नींद पाना चाहते है तो आपके शरीर को इस मेलाटोनिन हार्मोन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. आपके शरीर में एक प्राकृतिक घड़ी होती है. जैसे-जैसे दिन ढलता जाता है और रात होती जाती है, तो आपका शरीर मेलाटोनिन हार्मोन की मात्रा अधिक रिलीज करता जाता है. इससे आप रात तक थकान महसूस करने लग जाते हैं, और आपका शरीर रिचार्ज होने के लिए नींद में चला जाता है. अगर आप प्राकृतिक नियम के खिलाफ रात में देर से सोते हैं, तो इस हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है. इसीलिए अगली सुबह आपको आलस, थकान और सिर में भारीपन जैसा महसूस होता है. इस हार्मोन को रिलीज करने के लिए अच्छा खानपान और एक्सरसाइज बेहद आवश्यक हैं.
इंसुलिन-फैट और एनर्जी वाला हार्मोन
यह आपके खाने में मिली शुगर को खून में मिलाने का काम करता है, जिससे ये ग्लूकोज मांसपेशियों और कोशिकाओं तक पहुंच सके और जिंदा रह सकें. यह आपका शरीर जिस शुगर का उपयोग नहीं कर पाता है उसे फैट में बदलकर शरीर में स्टोर करने का काम करता है. मगर आपका शरीर इस हार्मोन को नहीं बना पाता है, तो आपको एनर्जी की कमी, थकान, गुस्सा, चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है. इसके साथ ही इंसुलिन न बनने पर खून में शुगर ज्यादा मिलने लगती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा हो जाता है. इस हार्मोन को नियंत्रण में रखने के लिए खानपान, एक्सरसाइज और अच्छी नींद बेहद जरूरी है.
थायरॉक्सिन-मेटाबॉलिज्म हार्मोन
थायरॉक्सिन हार्मोन आपके दिल की धड़कन, पाचनतंत्र, दिमाग के कुछ फंक्शन्स, फैट बर्न करने तथा शरीर में एनर्जी बनाने में बेहद महत्वपूर्ण काम करता है. यह हार्मोन थायरॉइड ग्लैंड के जरिये रिलीज किया जाता है, जो गले में होता है. अगर किसी इंसान का शरीर सही प्रकार से थायरॉक्सिन हार्मोन नहीं बना पाता है, तो उसे थकान, वजन बढ़ने या घटने, डिप्रेशन जैसी समस्याएं होने लगती है. दुनिया में हर 20 में से 1 इंसान को थायरॉइड की समस्या होती है. यह समस्या महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा पायी जाती है.
टेस्टोस्टेरॉन-सेक्स हार्मोन
यह हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही रिलीज होता है, लेकिन पुरुषों में इसकी मात्रा अधिक पायी जाती है. इसको सेक्स हार्मोन कहा जाता हैं क्योंकि ये कामुकता, क्षमता और स्पर्म को बढ़ाता है. पुरुषों में इस हार्मोन की कमी खतरनाक होती है क्योंकि इससे उनकी सेक्स लाइफ बेहद प्रभावित होती है और कई समस्याएं होती हैं. महिलाओं में इस हार्मोन की ज्यादा मात्रा होने से उनके चेहरे पर बाल या पीसीओडी की समस्या पैदा हो जाती है. इस हार्मोन को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज, डाइट और नींद बेहद मददगार होते हैं.