15 मई, मंगलवार को शनि अमावस्या है, इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। शनिदेव को ग्रहों में न्यायधीश कहा जाता है। व्यक्ति के अच्छे बुरे कर्मों का फल शनि देव ही देते हैं। जिस किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए रोज शाम को शनि के कुछ शक्तिशाली मंत्रों का जप करना चाहिए।
वैदिक मंत्र
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभि स्रवन्तु न:।।
पौराणिक मंत्र
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्।।
बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
लघु मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नम:
शनि पत्नी स्तुति
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहिप्रिया।
कण्टकी कलही चाथ तरंगी महिषी अजा।।
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