वैलिडिटी देकर टेलीकॉम कंपनियां काट रहीं कनेक्शन, यूजर्स भड़के ट्राई’ का दरवाजा खटखटाया

उपभोक्ता भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि निजी कंपनियों ने लाइफ टाइम के लिए पहले ही अलग से रीचार्ज करवाया है। अब हर महीने वैधता के लिए रीचार्ज कराने को कह रही हैं। ट्राई यानी टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथारिटी के एक वरिष्ठ सूत्र का कहना है कि उपभोक्ताओं की शिकायतें आई हैं। कुछ निजी टेलीकॉम कंपनियों ने आवेदन तो किया है लेकिन इसको मंजूरी नहीं दी गई है।


Jio और BSNL को छोड़ अन्य कई टेलीकॉम कंपनियों ने विशेष वैधता वाले प्लान निकाले हैं। 35, 65 और 95 रुपए में से किसी वाउचर से रीचार्ज नहीं कराने वाले का नम्बर काट दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियम विरुद्ध है।

उपभोक्ताओं ने ‘ट्राई’ का दरवाजा खटखटाया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक यूपी ईस्ट सर्किल टीएन शुक्ला के अनुसार उनकी कंपनी वही करती है जो ट्राई की नियमवाली कहती है। नियम कहते हैं कि छह माह में एक बार वैधता के लिए रीचार्ज कराना चाहिए। इसके लिए बीएसएनएल ने सुविधा दी हुई है। छह माह से पहले किसी को वैधता के लिए रीचार्ज कराने को बाध्य नहीं किया जा सकता। ट्राई ने सभी कंपनियों को नियमों की अवहेलना करने से मना किया है।

उपभोक्ताओं का कहना है कि एक से अधिक सिम रखना उनकी मजबूरी है। उनके मुताबिक एक कंपनी का नेटवर्क हर जगह बढ़िया नहीं रहता। ऐसे में जरूरी कॉल के लिए दो नम्बर रखने जरूरी हैं। यपी वेस्ट सर्किल का एक निजी टेलीकॉम कंपनी का नम्बर बिना किसी पूर्व सूचना के काट दिया गया। उपभोक्ता के मुताबिक उसका नम्बर चालू था। ट्राई के नियम को ध्यान में रखते हुए उस नम्बर से हर महीने कम से कम पांच से छह कॉल की जा रही थी। इसके अलावा रीचार्ज भी करवाया जा रहा था।

वर्ष 2013 में ट्राई ने 21 फरवरी को टेलीकॉम कंपनियों के आग्रह पर ही नया निर्देश जारी किया था। इसके अनुसार यदि मोबाइल नम्बर पर 20 रुपये या इससे अधिक बैलेंस है तो कनेक्शन नहीं काटा जा सकता। माह में एक भी एसएमएस, डेटा इस्तेमाल, एक भी कॉल को माना जाएगा कि नम्बर ‘एक्टिव’ है। उसको काटा नहीं जा सकता। 90 दिन के पहले कनेक्शन नहीं काटा जा सकता।

पुराने लखनऊ में रहने वाले योगेश शर्मा के पास भी पुराना निजी टेलीकॉम कंपनी का नम्बर है। उनके नम्बर पर 530 रुपए बैलेंस बचा भी हुआ है। कॉल करते रहते हैं। एक दिन पहले कॉल मिलाई तो संदेश सुनाई पड़ा कि आउटगोइंग बंद कर दी गई है। योगेश बताते हैं कि उन्होंने 2031 तक की वैधता का लाइफ टाइम रीचार्ज कराया था।

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गोमती नगर विस्तार में रहने वाली पूनम गुप्ता ने 15 साल पहले निजी टेलीकॉम कंपनी का सिम लिया। वर्ष 2010 में उन्होंने सिम को लाइफ टाइम करवाया। इसके लिए उनको उस समय करीब 300 रुपए का रीचार्ज कराना पड़ा। उनको वैधता 2025 तक की मिली। अब उनके मोबाइल का कनेक्शन कट गया है। उस नम्बर से बात होती है और हर महीने कुछ न कुछ रीचार्ज भी कराती हैं।

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