भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने विराट कोहली पर जमकर भड़ास निकाली है। गावस्कर ने प्रसारणकर्ता चैनल को भी लताड़ लगाई। गावस्कर ने साथ ही कहा कि विराट कोहली को स्ट्राइक रेट को लेकर जवाब देने की जरुरत नहीं थी। याद हो कि विराट कोहली का स्ट्राइक रेट मौजूदा सीजन में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पर कमेंटेटर्स भी कई टिप्पणी कर चुके हैं।
भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर गुजरात और आरसीबी के मैच से पूर्व प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स और भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पर भड़क गए। आश्चर्य की बात यह है कि इस दौरान उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स की ही माइक थामी थी।
गावस्कर ने प्रसारक पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके बार-बार नकारात्मक टिप्पणी को दिखाने की आलोचना की। साथ ही उन्होंने कोहली पर स्ट्राइक रेट को लेकर जवाब देने पर भी गुस्सा किया। पावरप्ले के बाद कोहली की स्ट्राइक रेट इस सत्र में चर्चा का विषय रही है। इसे लेकर कमेंटेटर भी कई बार टिप्पणी कर चुके हैं।
कोहली का आलोचकों को जवाब
28 अप्रैल को विराट कोहली ने अहमदाबाद में गुजरात के विरुद्ध 44 गेंदों में 70 रनों की पारी तेजतर्रार पारी खेली। मैच के बाद उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर उठाए जा रहे सवाल को लेकर कहा, ‘जो भी लोग मेरी स्ट्राइक रेट के बारे में बात कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि मैं अच्छा नहीं खेल रहा, उन्हें इस तरह की बात करने में आनंद आता है। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। मैं अपना काम कर रहा हूं।’
गावस्कर की तीखी टिप्पणी
बेंगलुरु में मैच से पूर्व स्टार स्पोर्ट्स पर विराट की स्ट्राइक रेट की आलोचना करने वाले कमेंटेटर और विराट कोहली की यह टिप्पणी बार-बार दिखाई जा रही थी।
इस पर गुस्सा करते हुए गावस्कर ने कहा, ”कमेंटेटरों ने विराट की स्ट्राइक रेट जब 118 थी तभी उस पर टिप्पणी की। मैंने सभी मैच नहीं देखे हैं इसलिए मुझे नहीं पता कि इसके अतिरिक्त अन्य कमेंटेटरों ने क्या कहा है। अगर बल्लेबाज ने 118 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है और 14-15 ओवर तक उसकी स्ट्राइक रेट यही है और वह आउट हो गया तो मुझे नहीं पता कि इसे लेकर उसे कैसी प्रशंसा चाहिए। स्टार स्पोर्ट्स को हालांकि, केवल नकारात्मक टिप्पणी बार-बार नहीं दिखाना चाहिए।”
गावस्कर ने क्या कहा
गावस्कर कमेंटेटरों के बारे में कोहली की टिप्पणी से भी नाराज दिखे। उन्होंने बिना उनके नाम लिए कहा, ”जो भी यह कहते हैं कि उन्हें बाहर की चर्चाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता आप उसका जवाब ही क्यों दे रहे हो? हम कमेंटेटरों का कोई एजेंडा नहीं होता। हम वही बोलते हैं जो हम देखते हैं। यह आवश्यक नहीं कि हमारी पसंद या नापसंद हो। अगर हमारी पसंद या नापसंद होती भी है, तब भी हम जो होते देख रहे हैं वही बोलते हैं।”