महाराष्ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज है। चुनाव से पहले भाजपा को झटका लगा है। सूर्यकांत पाटिल ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद कहा कि पिछले 10 वर्षों में बहुत कुछ सीखा है। पाटिल ने चार बार सांसद और एक बार विधायक के रूप में हिंगोली-नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कुछ दिनों बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांत पाटिल (Suryakanta Patil quits BJP) ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी छोड़ने के बाद कहा कि मैंने पिछले 10 वर्षों में बहुत कुछ सीखा है। मैं पार्टी की आभारी हूं। सीट बंटवारे के दौरान हिंगोली सीट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए छोड़ दी गई थी।
हिंगोली-नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र का 5 बार किया प्रतिनिधित्व
आम चुनाव के दौरान भाजपा ने उन्हें हदगांव हिमायतनगर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव प्रमुख की जिम्मेदारी दी थी। शिवसेना हिंगोली सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट से हार गई थी। पाटिल ने चार बार सांसद और एक बार विधायक के रूप में हिंगोली-नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। वह संप्रग सरकार के दौरान ग्रामीण विकास और संसदीय मामलों की राज्य मंत्री थीं।
टिकट न मिलने से थीं नाराज
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से नाता तोड़ने के बाद 2014 में भाजपा में शामिल हुईं पाटिल ने मराठवाड़ा के हिंगोली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी का नामांकन मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। नामांकन न मिलने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
सीट बंटवारे के दौरान हिंगोली सीट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए छोड़ दी गई थी। आम चुनावों के दौरान भाजपा ने उन्हें हदगांव हिमायतनगर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव प्रमुख की जिम्मेदारी दी थी। शिवसेना हिंगोली सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट से हार गई थी।