वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सरकार को बतौर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर 19 से 20 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को बताया कि सरकार को वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बतौर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर 19 से 20 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। वहीं अगर कर अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है तो इसमें और इजाफा हो सकता है। सरकार का टैक्स कलेक्शन वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 17.10 लाख करोड़ रुपए का रहा था जो कि बीते छह वर्षों में सबसे ज्यादा रहा।
जेटली ने प्रवर्तन दिवस समारोह में अपने संबोधन में कहा, “हम इस साल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के रुप में 19 से 20 लाख करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि वहीं इस संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत अगर कर अनुपालन वाला समाज बनता है तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, “गैर-अनुपालन ने बड़े सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित को प्रभावित किया है।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अपराधियों को सख्ती के साथ दंडित करने को कहते हुए जेटली ने कहा कि सरकारी एजेंसियों को एक उदाहरण बनाना चाहिए ताकि लोग स्वैच्छिक अनुपालन के लाभ का एहसास करें। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में, ईडी वैध राजस्व जुटाने के लिए कानून को सख्ती से लागू करेगा, जो कि बड़े सार्वजनिक हित में है, जिसे केवल लोगों की स्वैच्छिक अनुपालन की स्थिति को सुनिश्चित करके हासिल किया जा सकता है।”