वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में प्रोत्साहित करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद क्रिप्टोकरेंसी नियामक व डिजिटल करेंसी बिल 2021 पेश किया जाएगा। संसद के चालू सत्र में पेश होने के लिए क्रिप्टोकरेंसी बिल को सूचीबद्ध किया गया है जिसके तहत निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। हालांकि, चुनिंदा क्रिप्टोकरेंसी को संपदा के रूप में इजाजत दी जा सकती है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के वैधानिक मसलों को लेकर काफी परामर्श किया है, क्योंकि यह भारी जोखिम वाला क्षेत्र है और अभी यह नियामकीय फ्रेमवर्क में नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापन पर प्रतिबंध को लेकर फिलहाल सरकार विचार नहीं कर रही है, लेकिन बैंकिंग नियामक आरबीआइ और पूंजी बाजार नियामक सेबी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। विज्ञापन से जुड़े दिशा निर्देशों का सरकारी समितियां अध्ययन कर रही हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर क्रिप्टो के विज्ञापन को लेकर कोई फैसला लिया जा सके।
वित्त मंत्री से यह पूछे जाने पर कि क्या भारत सरकार का मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशानिर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और उनके नियमनों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर कोई फैसला कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे हैं। यह उच्च जोखिम वाला निवेश है।
आर्थिक मोर्चे को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस साल देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट का आंकड़ा काफी उत्साहजनक रहेगा। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।