नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एनडीएमसी को तुगलक क्रिसेंट में स्कूली बच्चों के लिए विज्ञान पार्क की योजना में पेड़ आड़े आ गए हैं। इन्हें हटाए बिना योजना को अमलीजामा पहनाना संभव नहीं है। इससे निपटने के लिए एनडीएमसी ने योजना के प्रारंभिक डिजाइन में परिवर्तन का निर्णय लिया है। दरअसल, उद्यान विभाग ने पेड़ों को काटने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस पार्क में 16 विज्ञान मॉडल और इंटरेक्टिव डिस्प्ले शामिल करने की योजना बनाई गई थी, जो बच्चों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराएंगे।
एनडीएमसी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपने इलाके के बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से गत वर्ष तुगलक क्रिसेंट में एक विज्ञान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया था। यहां स्थापित किए जाने वालेे मॉडल भी लाए जा चुके है, लेकिन उनकोे स्थापित करने के लिए तय किए गए स्थलों के बीच में कई पेड़ आ गए है। इन्हें हटाने के लिए एनडीएमसी अफसरों ने उद्यान विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया था। लेकिन उन्होंने पेड़ काटने की अनुमति देने से स्पष्ट इंकार कर दिया।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय के अनुसार, नई योजना के तहत विज्ञान पार्क के अन्य हिस्सों को भी पुनर्विचार किया जाएगा, जिससे पेड़ों को सुरक्षित रखा जा सके और पार्क की शैक्षिक उद्देश्यों को पूरा किया जा सके। इसके अतिरिक्त यह सुनिश्चित किया है कि पार्क का नया डिजाइन बच्चों के लिए आकर्षक और शिक्षाप्रद रहे। इसके निर्माण में पर्यावरणीय मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विज्ञान पार्क के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में विज्ञान के विभिन्न आयामों को समझ सकेंगे। इसके माध्यम से बच्चों में दैनिक जीवन में उपयोगी वैज्ञानिक तथ्यों की समझ एवं दृष्टिकोण, विश्लेषणात्मक सोच एवं सृजनात्मक प्रतिभा का विकास होगा।
विज्ञान पार्क में स्थापित किए जाने वाले मॉडल
इको ट्यूब, प्रोजेक्टिव जियोमेट्री, लीवर रिड्यूस एफर्ट (तीन प्रकार), कैमरा ऑबस्क्युरा, व्हिस्परिंग गार्डन, एक्शन रिएक्शन, सिम्पेथेटिक स्विंग, म्यूजिकल ट्यूब, लिफ्ट सेल्फ, सोलर एक्लिप्स, ग्रेविटी चैयर, बकी बॉल क्लाइंबर, पेरिस्कोप, इंटरएक्टिव सनडायल, वैल्यू ऑफ पाई और झुका हुआ विमान आदि एनडीएमसी विज्ञान और मानविकी केंद्र।