घर की सुख शांति व्यक्ति के जीवन और करियर में अहम भूमिका निभाती है. घर की सुख शांति का वास्तु शास्त्र से गहरा नाता है. जो लोग जानते हैं वे वास्तु शास्त्र के महत्व को समझते हैं. घर में वास्तु दोष हो तो घर की सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा अपना प्रभाव दिखाने लगती है.
नकारात्मक ऊर्जा के फैलते ही घर की सुख शांति नष्ट होने लगती है. घर में कलह शुरू हो जाती है. घर के सदस्यों में मनमुटाव और विवाद की स्थिति बनने लगती है. रिश्तों में तकरार शुरू हो जाती है. दांपत्य जीवन में भी परेशानी आने लगती है. पति और पत्नी के बीच विवाद शुरू हो जाता है. बीमारी और धन हानि भी होने लगती है. ये सभी दिक्कतें वास्तु दोष के कारण ही उत्पन्न होती हैं.
बाथरूम और किचन का ध्यान रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और किचन नजदीक नहीं होने चाहिए. जिन घरों में किचन और बाथरूम पास-पास होते वहां पर नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. इसलिए किचन और बाथरूम के दरवाजे हमेशा खुले नहीं रखने चाहिए. ध्यान रखना चाहिए कि इन दोनों स्थानों की ऊर्जा एक दूसरे में प्रवेश न करें. इसके लिए दरवाजों को बंद करके रखना ही बेहतर होता है.
इन पौधों को लगाना चाहिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ पौधे होते हैं जो वास्तु दोष को दूर करने में सहायक होते हैं. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है वहीं सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है. घर में तुलसी, मनी प्लांट और शमी के पौधे लगाने चाहिए.
घर में गंदगी जमा न होने दें
स्वच्छता का संबंध सेहत से ही नहीं है बल्कि इसका संबंध सुख-समृद्धि से भी है. इसलिए घर में किसी भी प्रकार की गंदगी को जमा न होने दें वहीं बर्तनों को अधिक देर तक गंदा न रहने दें.